धरती की सबसे ऊंची चोटी तक तो इंसान पहुंच चुका है लेकिन समुद्र की असीम गहराई आज भी रहस्य है। जानिये महासागरों के हैरान करने वाले तथ्य।
हमारी सीमाएं
स्कूबा डाइविंग करने वाले ज्यादा से ज्यादा 40 मीटर की गहराई तक जा पाते हैं। 2007 में हैर्बर्ट नीत्स ने 214 मीटर नीचे जाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। सबसे विशाल स्तनधारी जीव ब्लू व्हेल भी 500 मीटर नीचे तक ही जा सकती है। वहीं सूर्य की रोशनी भी 1000 मीटर तक पहुंच पाती है, उसके आगे समुद्र की अंधेरी दुनिया शुरू होती है।
गहराई में तकनीक का तार
अमेरिका और जापान को जोड़ने वाली फाइबर ऑप्टिकल लाइन समुद्र में 8,000 मीटर की गहराई को छूती है। दुनिया में तीन इलाके ऐसे हैं जहां माउंट एवरेस्ट भी पूरी तरह डूब जाएगी।
सबसे गहरी जगह
पश्चिमी प्रशांत महासागर में धरती की सबसे गहरी जगह मारियाना ट्रेंच मौजूद है। मारियाना ट्रेंच की गहराई 10,994 मीटर है। कुछ लोग इसकी गहराई 11,034 मीटर बताते हैं। वहां तक रोशनी भी नहीं पहुंच सकती है।
छुआ या अनछुआ
1960 में खोजकर्ता डॉन वाल्श और जैक्स पिकार्ड 10,911 मीटर की गहराई तक गए। 2012 में फिल्म डायरेक्टर जेम्स कैमरन भी 10,898 मीटर की गहराई तक जा सके। लेकिन कई वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र इससे भी ज्यादा गहरा है और वहां तक आज तक कोई नहीं पहुंच सका है।
आकार में कौन कितना
प्रशांत महासागर (16,87,23,000 वर्ग किलोमीटर), अटलांटिक (8,51,33,000 वर्ग किलोमीटर), हिंद महासागर (7,05,60,000 वर्ग किलोमीटर), दक्षिण या अंटार्कटिक महासागर (2,19,60,000 वर्ग किलोमीटर), आर्कटिक महासागर (1,55,58,000 वर्ग किलोमीटर)।