Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भारत: तीन साल में 1.12 लाख मजदूरों ने की खुदकुशी

हमें फॉलो करें भारत: तीन साल में 1.12 लाख मजदूरों ने की खुदकुशी

DW

, बुधवार, 15 फ़रवरी 2023 (07:38 IST)
आमिर अंसारी
भारत सरकार ने संसद में बताया कि साल 2019 से 2021 के बीच 1.12 लाख दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। कोरोना के समय लॉकडाउन के दौरान 2020 में बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर अपने घरों को लौट गए थे।
 
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने लोकसभा को बताया कि साल 2019 में 32,563, 2020 में 37,666 और 2021 में 42,004 दिहाड़ी मजदूरों की मौत आत्महत्या के कारण हुई। वह लोकसभा में कांग्रेस सांसद के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान 66,912 गृहिणी, 53,661 स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति, 43,420 वेतनभोगी व्यक्ति और 43,385 बेरोजगार व्यक्ति भी आत्महत्या कर चुके हैं।
 
2020 से 2021 के बीच भारत कोरोना वायरस महामारी की पहली दो लहरों के दौरान सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक था। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाया था, जिस कारण शहरों से प्रवासी श्रमिकों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ था।
 
सार्वजनिक परिवहन के अधिकांश साधन बंद हो जाने के कारण हजारों प्रवासी श्रमिकों के पास निजी वाहनों पर सवारी करने का विकल्प बचा था। उन्होंने किसी तरह से अपने गांव और कस्बों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का लंबा सफर तय किया। कई लोग ऐसे भी थे जो पैदल ही अपने गांव की ओर लौट रहे थे।
 
सफर के दौरान कई प्रवासी श्रमिकों की सड़क हादसों के दौरान मौत भी हुई थी। सरकार ने कहा था कि 8,700 से अधिक लोग जिनमें से अधिकांश प्रवासी थे, वह यात्री ट्रेन सेवाओं के ठप्प होने के बावजूद 2020 में रेलवे पटरियों पर मारे गए थे।
 
webdunia
श्रमिकों के लिए क्या कदम उठा रही सरकार
सोमवार को यादव ने सदन को यह भी बताया कि असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के तहत उपयुक्त कल्याणकारी योजनाएं बनाकर, दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना सरकार के लिए अनिवार्य है।
 
पिछले साल की एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में आत्महत्या से मरने वाले कुल 1,18,970 पुरुषों में दिहाड़ी मजदूरों की संख्या 37,751 थी, जो खुदकुशी करने वाले लोगों में सबसे अधिक है। इसके बाद 18,803 स्वरोजगार से जुड़े लोग और 11,724 बेरोजगार खुदकुशी करने वालों में थे। रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2021 के दौरान देश में कुल 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की।
 
कोविड महामारी के कारण आय में कमी
इस रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या के मामलों में साल 2021 में 2020 की तुलना में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि आत्महत्या करने वाले दिहाड़ी मजदूरों की संख्या एक चौथाई को पार कर गई।
 
कोविड महामारी से पहले 2019 में भारत में कुल 1,39,123 लोगों ने आत्महत्या की थी। इनमें दिहाड़ी मजदूरों की संख्या 32,563 यानी 3.4 प्रतिशत थी।
 
विभिन्न आधिकारिक और गैर-आधिकारिक रिपोर्टों के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में अधिकांश परिवारों की आय में काफी कमी आई है और वे गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रूस से रिकॉर्ड हथियार खरीद रहा है भारत, दिया है 10 अरब डॉलर से अधिक का ऑर्डर