क्या डोपिंग में फेल चीनी खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक में खेले

DW
सोमवार, 22 अप्रैल 2024 (09:38 IST)
Did the Chinese players who failed in doping participate in the Tokyo Olympics : न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी है कि टोक्यो ओलंपिक से ठीक पहले 23 चीनी तैराक डोपिंग में फेल हुए थे। उनमें से ज्यादातर ने ओलंपिक में हिस्सा लिया। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी का कहना है कि उसने पर्याप्त समीक्षा की थी।
 
अखबार का आरोप है कि चीन ने डोपिंग में फेल खिलाड़ियों को टोक्यो भेजा और उनमें से कई ने मेडल भी जीते। इन्हीं में से कई पेरिस ओलंपिक में भी हिस्सा लेने की तैयारी में हैं। इन खिलाड़ियों का कहना था कि उन्होंने बिना जाने यह दवा खाई थी। उनके मुताबिक उन्हें जो खाना दिया गया था उसमें इस दवा के अंश किसी गलती की वजह से मिल गए थे।
ALSO READ: पेरिस ओलंपिक से पहले भारत को लगा बड़ा झटका, सिलेक्ट हुआ यह एथलीट हुआ बाहर
चीन ने अपनी जांच में खिलाड़ियों के दावे की पुष्टि कर दी और कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत नहीं है। इसे वाडा ने भी स्वीकार कर लिया। न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि उनके पास गोपनीय दस्तावेज और ईमेल हैं। इनमें वो रिपोर्ट भी शामिल है जो चीन की एंटी डोपिंग एजेंसी ने तैयार की थी और जिसे वाडा को भेजा गया था।
 
वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी, वाडा ने इन आशंकाओं को खारिज किया है कि उसने डोपिंग में फेल चीनी खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। वाडा का कहना है कि उसने समीक्षा की प्रक्रिया पूरी की है।
 
चीन की जांच रिपोर्ट से संतुष्ट वाडा : जर्मन प्रसारक एआरडी, अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स और ऑस्ट्रेलियाई अखबार डेली टेलिग्राफ ने खबर दी है कि फिना (2022 तक वर्ल्ड एक्वैटिक्स का यही नाम था) और वाडा चीन की इस सफाई से संतुष्ट हो गए कि मिलावटी खाने की वजह से खिलाड़ियों का टेस्ट पॉजिटिव आया था। डोपिंग में फंसने पर भी रूसी एथलीट मुकाबले में हिस्सा लेगी
 
एआरडी स्पोर्टशाउ का कहना है कि न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ उसकी तहकीकात ने दिखाया है कि तैराकों ने प्रतिबंधित दवा ट्राइमेटाजिडिन (टीएमजेड) का 2021 में शिजियाझुआंग के एक घरेलू मुकाबले में परीक्षण किया था। पिछले साल सितंबर में चीन में ऐसी खबरें आई थीं कि चीन की एंटीडोपिंग एजेंसी ने यह मामला फिना और वाडा को भेजा। इन्हीं रिपोर्टों को आधार बनाकर अखबारों ने यह खबर दी है।
ALSO READ: इस भारतीय पहलवान ने विश्व के नंबर 1 चीनी पहलवान को किया पस्त (Video)
चीन का कहना था कि जांचकर्ताओं को टीएमजेड के अंश रसोई घर में कई जगहों पर मिले थे। यहीं पर एथलीटों के लिए खाना तैयार किया जा रहा था। खाने में मिलावट की बात मानकर खिलाड़ियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। तैराकों को जून 2021 में हुए मुकाबले में हिस्सा लेने दिया गया और यह मामला सार्वजनिक नहीं हुआ। चीन के 30 तैराकों की टीम ने तीन गोल्ड सहित छह मेडल जीते। इस टीम में 13 खिलाड़ी ऐसे थे, जो डोपिंग में फेल 23 खिलाड़ियों के ग्रुप में थे।
 
वाडा की सफाई : वाडा का कहना है कि वह चीन की जांच इसलिए नहीं कर सका क्योंकि उस वक्त कोरोनावायरस की पाबंदियां चल रही थीं। हालांकि उसने चीन का फैसला भरोसेमंद है या नहीं इसका पता लगाने के लिए विस्तृत समीक्षा की थी। वाडा के विज्ञान निदेशक ओलिवियर राबिन का कहना है, वाडा के विज्ञान विभाग ने इस मामले की पूरी समीक्षा जून और जुलाई 2021 में की थी।
 
राबिन का यह भी कहना है, वास्तव में हमने टीएमजेड के मैन्यूफैक्चरर से मेटाबॉलिज्म और दूसरी जानकारियां भी मांगी थीं और कई अवधारणाओं की जांच की थी। इनमें टीएमजेड की सीमित मात्रा के इस्तेमाल की रणनीति भी शामिल है ताकि वाडा के सामने पेश की गई मिलावट की परिस्थिति का पता लगाया जा सके।
ALSO READ: राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले 11 खिलाड़ियों का डोपिंग प्रतिबंध घटाया
राबिन के मुताबिक, आखिरकार हम इस नतीजे पर पहुंचे कि मिलावट की जो बात कही गई है उसे चुनौती देने का कोई ठोस आधार नहीं है। वास्तव में मिलावट की स्थिति को इस बात से भी समर्थन मिला क्योंकि टीएमजेड की सीमित मात्रा लगातार मिलती रही साथ ही कई खिलाड़ियों के अगले कई दिनों तक लिए नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव और पॉजिटिव के बीच झूलती रही।
 
राबिन ने कहा, पूरी पारदर्शिता के साथ हमने अपने वैज्ञानिक समीक्षा के नतीजे आंतरिक और बाहरी जांचकर्ताओं को दे दिए। इनमें अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी भी शामिल है। वर्ल्ट एक्वैटिक्स ने डेली टेलिग्राफ से कहा है कि यह मामला, स्वतंत्र विशेषज्ञ जांच का था और उसे भरोसा है कि इस मामले को मेहनत के साथ पेशेवर तरीके से हैंडल किया गया और इसमें वर्ल्ड एंटी डोपिंग कोड समेत सभी उचित एंटी डोपिंग नियमों का पालन किया गया।
ALSO READ: चीन ने कहा, भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने में सकारात्मक प्रगति
वाडा का कहना है कि उसे 2022 में इंटरनेशनल टेस्टिंग एजेंसी और पिछले साल अमेरिका की एंटी डोपिंग एजेंसी ने भी इस मामले पर सावधान किया था। वाडा का कहना है कि उसने आईटीए को बताया कि सारी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन हुआ और अमेरिकी डोपिंग एजेंसी का यह कहना कि मामले को छुपाया गया, गलत है क्योंकि चीन ने उन्हें इसकी जानकारी दी थी।
- एनआर/एमजे (डीपीए, एएफपी)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरूर पढ़ें

मेघालय में जल संकट से निपटने में होगा एआई का इस्तेमाल

भारत: क्या है परिसीमन जिसे लेकर हो रहा है विवाद

जर्मनी: हर 2 दिन में पार्टनर के हाथों मरती है एक महिला

ज्यादा बच्चे क्यों पैदा करवाना चाहते हैं भारत के ये राज्य?

बिहार के सरकारी स्कूलों में अब होगी बच्चों की डिजिटल हाजिरी

सभी देखें

समाचार

चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भड़के हिंदू, बांग्लादेश में बवाल

LIVE: इस्तीफा देंगे एकनाथ शिंदे, आज हो सकता है नए महाराष्‍ट्र CM के नाम का ऐलान

महाराष्‍ट्र में सीएम पर सस्पेंस बरकरार, एकनाथ शिंदे की समर्थकों से अपील

अगला लेख
More