"साल 2030 तक अंतरिक्ष में बनेगी कॉलोनी"

Webdunia
सोमवार, 2 अप्रैल 2018 (11:03 IST)
किसी को अच्छा घर नहीं मिल रहा तो कोई ट्रैफिक की समस्या से परेशान है। लेकिन जापान की पहली अंतरिक्ष यात्री चिआकी मुकाई की मानें तो अब यह समस्या बस कुछ दिनों की है।
 
अपनी जिंदगी के 500 घंटे अंतरिक्ष में बिता चुकी 66 वर्षीय चिआकी मुकाई स्पेस कॉलोनी के अपने नए प्रोजेक्ट में जी-जान से लगी हुई हैं। इनकी 30 सदस्यों वाली रिसर्च टीम टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस की हाई-टेक लैब में दिन-रात इस स्ट्डी में जुटी है कि कैसे भविष्य में इंसान को चांद और मंगल पर जिंदा रखा जाए। मुकाई कहती हैं, "हमारी काम संभावनाओं को तलाशना है और मुझे लगता है कि हम सब के लिए अब धरती छोटी पड़ने लगी है।" उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में संभावनाओं को खंगालने का चरण अब नए दौर में पहुंच चुका है।
 
मुकाई का दावा है कि साल 2030 तक चंद्रमा पर कॉलोनी स्थापित की जा सकेगी। उनकी टीम ने अंतरिक्ष में भोजन पैदा करने का खास तरीका निकाला है। इस प्रक्रिया में एक खारे सॉल्यूशन में हाई वोल्टेज बिजली सप्लाई कर तरल प्लाज्मा तैयार किया जाएगा जिसका इस्तेमाल भोजन उत्पादन में किया जाएगा। नई तकनीक से आलू भी जल्द पैदा हो सकेंगे।
 
इन रिसर्चरों ने थर्मोइलेक्ट्रिक सेंसर्स का इस्तेमाल कर बिजली पैदा करने का एक सिस्टम भी बनाया है। इसका साइज एक आईपॉड नैनो बराबर होगा। इस सेंसर को भी इस कॉलोनी में लगाया जा सकेगा। इनका मानना है कि इस कॉलोनी में घरों के भीतर सामान्य  तापमान बना कर रखा जा सकेगा, लेकिन बाहरी तापमान दिन में 130 डिग्री सेल्सियस और रात में -230 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। हर तापमान में तकनीक अलग ढंग से काम करेगी, लेकिन पूरी स्पेस कॉलोनी की जरूरत मुताबिक बिजली यहां बनाई जा सकेगी।
 
वैज्ञानिकों की दूसरी टीम स्पेस के कचरे के प्रबंधन को लेकर काम काम कर रही है। मुकाई बताती है कि वे कई ऐसी तकनीकों पर भी काम कर रहीं हैं जिनके ऐपलिकेशन धरती पर भी संभव है। उन्होंने कहा कि हम चंद्रमा के लिए ही तकनीक नहीं बना रहे हैं लेकिन हम ऐसे मसलों पर काम कर रहे हैं जिन्हें कॉलोनी बसाने से पहले धरती पर सुलझाया जा सकता है। साथ ही भविष्य में ये धरती के लिए भी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
 
मसलन रिसर्चर खाद्य उत्पादन की ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं होगी। अगर वाकई यह फॉर्मूला काम कर जाता है तो अफ्रीका के कई ऐसे देश जो संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं भोजन पैदा कर सकेंगे।
 
मुकाई की इच्छा है कि वह चंद्रमा पर बनने वाली इस कॉलोनी को अपनी जिंदगी में बनते देख लें और एक बार फिर अंतरिक्ष में घूम आएं। अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले मुकाई बतौर डॉक्टर काम किया करती थीं। मुकाई कहती हैं, "मेरा सपना है कि मैं उस कमर्शियल स्पेस फ्लाइट की अटेंडेट का काम करूं और लोगों को चंद्रमा तक पहुंचाने में मदद करूं।"
 
एए/ओएसजे (एएफपी)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

सलमान खान को धमकी देने वाला कर्नाटक से गिरफ्‍तार, मांगी थी 5 करोड़ की फिरौती

मथुरा की रिफाइनरी में लगी आग, 10 से अधिक लोग झुलसे

दिल्ली में वायु गुणवत्ता 14वें दिन भी बेहद खराब, AQI 307 दर्ज, 17 नवंबर से गिरेगा तापमान

अगला लेख
More