जमैका। भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे टेस्ट मैच का आगाज शुक्रवार से किंग्स्टन में होने जा रहा है। यह मैच कप्तान विराट कोहली की जिंदगी का सबसे यादगार टेस्ट बन सकता है बशर्ते टीम इंडिया उन्हें जीत का तोहफा दें। भारतीय टीम यदि दूसरे टेस्ट को फतह कर लेती है तो विराट देश के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रूप में उभरकर महेंद्र सिंह धोनी के 27 टेस्ट की जीत का रिकॉर्ड ध्वस्त कर देंगे।
बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सबसे ज्यादा 27 टेस्ट मैच जीते हैं और विराट के लिए यह सुनहरा अवसर है जब वे अपने ही पूर्व कप्तान के रिकॉर्ड को तोड़ दें। यानी विराट पूर्व कप्तान का रिकॉर्ड तोड़ने से केवल एक कदम की दूरी पर हैं।
धोनी की टेस्ट जीत का प्रतिशत 45 : भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट एंटीगा में 318 रनों के बड़े अंतर से जब जीता था, तभी वे धोनी के 27 टेस्ट जीतने की बराबरी पर आ गए थे। धोनी के नेतृत्व में भारत ने 27 टेस्ट मैच जीते थे और 18 टेस्ट मैच हारे थे। 15 मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए थे। धोनी की कप्तानी में जीत का प्रतिशत 45 रहा।
2014 में धोनी के संन्यास के बाद विराट बने थे कप्तान : धोनी और कोहली की टेस्ट कप्तान के रूप में तुलना की जाए तो कोहली का पलड़ा इसलिए भारी दिखाई देता है क्योंकि उनकी जीत का प्रतिशत 55.3 का रहा। कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने 47 टेस्ट खेले और 27 जीते। 10 टेस्ट मैचों में उसे हार मिली जबकि 10 टेस्ट ड्रॉ रहे। धोनी के 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया की कमान विराट को सौंपी गई थी, जिसमें वे खरे उतरे।
तोड़ा था गांगुली का रिकॉर्ड : सनद रहे कि विदेशी जमीन पर विराट कोहली ने एंटिगा टेस्ट जीतते ही पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया था। विदेश में विराट की कप्तान के रूप में 26 मैचों में 12वीं जीत थी जबकि गांगुली ने विदेशी जमीन पर 28 मैचों में 11 टेस्ट जीत दर्ज की थी।
यह है पूरा रिकॉर्ड : विराट ने कुल 47 टेस्ट में 27, महेंद्र सिंह धोनी ने 60 टेस्ट में 27, सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट में 21, मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 47 टेस्ट में 14 और नवाब मंसूर अली खान पटौदी ने 40 टेस्ट में 9 जीत दर्ज की थी।