विराट कोहली ने आखिरी बार अपने बल्ले से शतक जब लगाया था तो कोरोनावायरस भारत में नहीं आया था। इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विराट कोहली को तीसरा आंकड़ा छुए हुए अब तक कितना समय बीत चुका है।
विराट कोहली ने आखिरी बार शतक कोलकाता के इडन गार्डन में लगाया था। गुलाबी गेंद से खेले गए इस दिन रात्रि टेस्ट में कोहली की बल्लेबाजी और इशांत शर्मा की गेंदबाजी की बदौलत भारत ने बांग्लादेश को हराया था।
वहीं आखिरी वनडे शतक उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ सबीना पार्क में लगाया था। दोनों ही मौकों पर साल 2019 था। बस अंतर इतना है कि वनडे शतक अगस्त में था तो टेस्ट शतक नवंबर में आया था। विराट कोहली और उनके फैंस का इंतजार और लंबा हो गया जब वह इस साल भी कोई शतक नहीं लगा सके।
10 टेस्ट और 3 वनडे में नहीं लगा पाए एक भी शतक
ऐसा नहीं है कि विराट कोहली को इस साल मौका नहीं मिला। इस साल वह 10 टेस्ट मैचों का हिस्सा रहे जिसमें से 8 इंग्लैंड के खिलाफ और 2 न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए। हालांकि विराट कोहली टेस्ट मैचों में शतक नहीं लगा पाए।
विदेशी जमीन पर तो उनको अर्धशतक तक जाने में ही दिक्कत महसूस हुई और बाहर जाती हुई गेंद को छेड़ने की बुरी आदत से वह लगातार जल्द पवैलियन रवाना होते गए।
वहीं इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 3 वनडे मैच खेले लेकिन इसमें भी वह एक बार भी तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए।
विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में मध्यक्रम में मजबूती लाने का काम किया। कोहली ने 2 अर्धशतकों की मदद से 3 मैचों में 43 की औसत से 129 रन बनाए। हालांकि इस सीरीज में उनके फैंस उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मदी लगाए बैठे थे। श्रीलंका से होने वाली वनडे सीरीज के दौरान वह इंग्लैंड दौरे पर वरिष्ठ टीम इंडिया की अगुवाई कर रहे थे।
वहीं विराट कोहली ने टेस्ट मैचों में 536 रन बनाए लेकिन उनका औसत सिर्फ 28 का रहा।
पिछले साल भी कोहली के बल्ले से नहीं आया था शतक
दिलचस्प बात है कि पिछले साल भी विराट कोहली के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला था। कोरोनावायरस के कारण पिछले साल कम ही क्रिकेट खेली गई थी लेकिन फिर भी कोहली को 9 वनडे और 1 टेस्ट में शतक जमाने का मौका मिला था जो उन्होंने छोड़ दिया। अगर टी-20 को भी जोड़ लिया जाए तो यह कहा जा सकता है कि 60 पारियों में विराट कोहली ने एक भी शतक नहीं लगाया है।
भविष्य खतरे में
गौरतलब है कि विराट कोहली साल का अंत होते होते वनडे और टी-20 के कप्तान नहीं रहे हैं। 2 साल तक जैसे कोहली खेल रहे हैं अगर वैसे ही आगे खेलते रहे तो टीम से उनके ड्रॉप होने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से वह प्रेस कॉंंफ्रेस के बाद सीधी जंग ले चुके हैं। ऐसे में अब उनको कम से कम वनडे और टी-20 में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहना पड़ेगा।
टेस्ट मैचों में भी अगर अगले साल कोहली ऐसी ही बल्लेबाजी करते हैं तो बोर्ड उनको वैसे ही बाहर का रास्ता दिखा सकता है जैसे कि वनडे और टी-20 में।
पहले कोहली से कप्तानी वापस ली जाएगी, फिर वह एक बल्लेबाज के तौर पर खेलेंगे। अगर वह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं तो उनको ड्रॉप करने का फैसला लेने में बोर्ड को कोई खास दिक्कत नहीं होगी। (वेबदुनिया डेस्क)