टॉस गंवाने के बावजूद 'बॉस' है भारत

Webdunia
बुधवार, 30 नवंबर 2016 (23:27 IST)
नई दिल्ली। मोहाली क्रिकेट टेस्ट में जब भारतीय टीम टॉस हारी थी तो इंग्लैंड ने इसका जश्न मनाया लेकिन यदि आंकड़ों पर नज़र डालें तो भारत का टॉस हारने के बावजूद मैच जीतने का बेहतरीन रिकॉर्ड है।
भारतीय क्रिकेट टीम का वर्ष 2006 से 2016 यानि की 10 वर्षों के लंबे अंतराल में घरेलू मैदान पर टेस्ट प्रारूप में टॉस हारने के बावजूद जीत और हार का रिकॉर्ड 17-1 का है। यह इस मामले में किसी भी टीम का सर्वश्रेष्ठ रिकार्ड भी है। भारत ने इन 10 वर्षों में घरेलू मैदान पर 25 टेस्ट खेले हैं और इसमें उसने टॉस हारने के बावजूद 17 मैच जीते हैं और मात्र एक मैच हारा है। इसके अलावा सात मैच ड्रॉ खेले हैं।
 
दूसरी ओर जब भारत ने इसी अवधि के दौरान घरेलू टेस्ट मैचों में टॉस जीता है तो उसका जीत-हार का रिकॉर्ड 14-4 का है। साफ है कि दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम अपने घर में टॉस हारने के बावजूद मैच जीतकर 'बॉस' साबित हुई है। 
 
दरअसल टॉस का मुद्दा इसलिए भी अहम हो गया है क्योंकि तीसरे टेस्ट से पहले मोहाली की पिच पर टॉस जीतने वाली टीम को फायदा मिलने की उम्मीद जताई गई  थी और मेहमान इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टेयर कुक ने टॉस जीता तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हालांकि कप्तान विराट कोहली के धुरंधरों ने चार दिनों में ही मैच निपटाते हुए आठ विकेट से यह मैच जीत लिया। 
 
विराट ने मैच के बाद कहा, इंग्लैंड ने टॉस जीता लेकिन मैच हमने जीता। मैच में जब इंग्लैंड ने टॉस जीता तो टीम जिस तरह से जश्न मना रही थी वह देखकर मुझे हैरानी हो रही थी लेकिन साफ है कि केवल टॉस जीतने से ही काम नहीं चलता मैच भी जीतना जरूरी है।
                         
भारतीय टीम के बाद जिस टीम का घरेलू मैदान पर टॉस हारने के बावजूद पिछले 10 वर्षों में जीत का रिकॉर्ड अच्छा है उसमें ऑस्ट्रेलिया दूसरे नंबर पर है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने घर में 26 टेस्टों में टॉस गंवाने के बावजूद 16 मैच जीते हैं और पांच हारे हैं जबकि पांच ड्रा खेले हैं। वहीं इंग्लैंड इस मामले में तीसरे नंबर पर है और उसका रिकॉर्ड 34 टेस्टों में 19-6 का है। इसके अलावा नौ मैच उसने ड्रॉ खेले हैं।
                          
दक्षिण अफ्रीका का 26 घरेलू टेस्टों में यह रिकॉर्ड 14-6 का है जबकि छह मैच ड्रॉ खेले हैं और वह चौथे स्थान तथा पाकिस्तान पांचवें स्थान पर हैं। पिछले 10 वर्षों में पाकिस्तानी टीम ने घर में पांच टेस्ट ही खेले हैं जिसमें दो जीते हैं और एक हार है तथा एक ड्रॉ है।
 
इसके अलावा अपनी कप्तानी में शुरुआती 20 टेस्टों में भारत को जीत दिलाने के मामले में विराट ने अब महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। विराट के नेतृत्व में टीम ने 12 मैच जीते हैं, दो हारे हैं और छह ड्रॉ खेले हैं। वहीं धोनी की कप्तानी में भारत ने 12 टेस्ट जीते और दो हारे। 
         
अपनी कप्तानी में शुरुआती 20 टेस्टों में टीम को सर्वाधिक जीत दिलाने के मामले में विराट और धोनी से आगे केवल पांच टेस्ट कप्तान हैं। इसमें स्टीव वॉ (15 जीत), माइक बेयर्ली(14), लिंडसे हैसेट (14), माइकल वॉन (14) और रिकी पोंटिंग (13) हैं।
         
मौजूदा नंबर वन टीम को मंगलवार को मोहाली टेस्ट में मिली जीत सहित यह लगातार उसका 16वां मैच है जिसमें भारतीय टीम अपराजेय है। यह दूसरी बार है जब टीम ने इतने लंबे समय तक कोई मैच नहीं हारा है। इससे पहले 1985 से 1987 के बीच उसका टेस्ट में 17 मैचों का सबसे लंबा अपराजेय रहने का रिकॉर्ड है।         
         
साथ ही मोहाली में तीसरा टेस्ट जीतने के साथ भारतीय टीम ने इस मैदान पर अपने 22 वर्ष के लंबे अंतराल तक अपराजेय रहने के रिकॉर्ड को भी बरकरार रखा है। भारत ने मोहाली में कुल 13 टेस्ट खेले हैं जिसमें उसने सात जीते हैं। 
 
भारत आखिरी बार 22 वर्ष पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ इस मैदान पर पहले टेस्ट में हारा था। उसके बाद से भारत ने यहां सात टेस्ट जीते हैं और पांच ड्रॉ खेले हैं जो किसी टीम का किसी मैदान पर यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड भी है। (वार्ता)
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