दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई ऑस्ट्रेलियाई टीम बॉल टैम्परिंग में फंस गई है। स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर, कैमरन बेनक्रॉफ्ट को आईसीसी ने बॉल टैम्परिंग का दोषी पाया है और सज़ा दी है। यह पहला मौका नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी क्रिकेट को बदनाम करने वाले कृत्य में संलिप्त पाए है। ऐसा पहले भी हो चुका है। हम आपको बताते हैं ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के क्रिकेट को बदनाम करने वाले पांच काले कारनामे।
1. बॉल टेंपरिंग : दक्षिण अफ्रीका में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए टेस्ट केपटाउन टेस्ट में जो हुआ, वह क्रिकेट जगत के लिए एक सदमा है। आईसीसी ने बॉल टेंपरिंग मामले में ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ और कैमरन बैनक्रॉफ्ट को दोषी पाया है। बॉल टैम्परिंग की इस हरकत को अंपायरों की नज़र से तो बचा लिया था, लेकिन कैमरे की नज़र में आने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की पूरी पोल पट्टी खुल गई।
2. वॉर्न डोप टेस्ट : वर्ल्ड कप 2003 के दौरान शेन वॉर्न को प्रतिबंधित दवा लेने के मामले में पॉजिटिव पाया गया। इस मामले ने खूब तूल पकड़ा और वॉर्न पर एक साल का बैन लगाया गया। वॉर्न वर्ल्ड कप से बाहर हो गए और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की बदनामी हुई।
3. अंडरऑर्म गेंदबाज़ी : फरवरी 1981 को मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच वनडे मैच में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने अपने भाई ट्रेवर चैपल से मैच की आखिरी गेंद अंडरआर्म डालने को कहा। यह पल क्रिकेट इतिहास में सबसे शर्मनाक पलों में से एक है। न्यूजीलैंड को एक बॉल पर जीतने के लिए छह रन की जरूरत थी. न्यूजीलैंड की हार के बाद खूब हंगामा मचा था।
4. मंकीगेट केस : साल 2008 में भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मंकीगेट प्रकरण हुआ था। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में माइकल क्लार्क ने सौरव गांगुली का कैच लपका। इस पर विवाद शुरू हुआ था। ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच जमकर बहस हुई और मामला बेहद गंभीर हो गया। यह विवाद काफी बढ़ गया और खेल भावना तार-तार हो गई।
5. होमवर्कगेट प्रकरण : होमवर्कगेट विवाद भी चर्चा में रहा। भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम की दो टेस्ट में हार के बाद कोच के दिए गए काम को कर पाने के कारण शेन वॉटसन, मिशेल जॉनसन, जेम्स पैटिंसन और उस्मान ख्वाजा को टीम से बाहर कर दिया। इस विवाद में खिलाड़ियों एवं कोच के आपसी मतभेद सामने आए।