अहमदाबाद: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जब आधे रास्ते पर खड़ी तो ज्यादातर फैंस यह सोच रहे थे कि ऑस्ट्रेलिया यहां से 0-4 की हार खाकर वापस जाएगी। टीम के कप्तान पैट कमिंस वापस ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। उनकी मां का देहांत स्तन कैंसर के कारण हाल ही में हुआ। वहीं बुरे फॉर्म से गुजर रहे डेविड वॉर्नर कोहनी की चोट के कारण बाहर हो गए। तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड और स्पिनर एश्टन एगर को भी बाहर जाना पड़ा।
चोट और 0-2 के नतीजे के बीच भी स्टीव स्मिथ ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को जिस तरह संभाला यह वैसे ही याद रखा जाएगा जैसे अजिंक्य रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 पर ऑलआउट होने के बाद विराट कोहली की अनुपस्थिति में टीम की बागडोर संभाली थी और गाबा में एक एतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 2-1 से हराया था।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया इस बार भी उतने ही अंत से सीरीज गंवा कर आ रही है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की वापसी उस लम्हे से थोड़ी ही 19 है। स्टीव स्मिथ साल 2017 में भी ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे और पहले ही टेस्ट में जीतकर भारत को 0-1 से पीछे कर दिया था। इसके बाद भारत ने 2 टेस्ट जीतकर सीरीज अपने नाम की थी। कुछ ऐसा ही नतीजा भारत के लिए इस बार रहा। हालांकि 0-2 से पिछड़ रही ऑस्ट्रेलिया का कप्तान स्टीव स्मिथ ने सबसे पहले अंतिम एकादश सुधारा। पैट कमिंस की जगह ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन को शामिल किया।
इंदौर में जहां भारत कभी भी टेस्ट नहीं हारा था वहां भारत को 109 रनों पर आउट करने में स्टीव स्मिथ की फील्ड प्लेसिंग की बड़ी भूमिका रही।
बतौर बल्लेबाज यह सीरीज स्मिथ के लिए निराशाजनक रही क्योंकि वह एक बार भी 50 के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाए। अहमदाबाद में 36 रनों पर जड़ेजा के खिलाफ बोल्ड हो जाने पर वह इस कारण ही निराश दिखे थे क्योंकि वह बड़ा
स्कोर खड़ा करने का सुनहरा मौका था। लेकिन अहमदाबाद टेस्ट में भी उन्होंने कप्तानी का बेहतरीन मुजायरा किया और बल्लेबाजों को 2 दिन तक खेलने की हिदायत दी जिससे मैच में हार का खतरा टल गया। दूसरे दिन के बाद सिर्फ 2 ही नतीजे संभावित थे ड्रॉ या फिर ऑस्ट्रेलिया की जीत।
भारत के शानदार पलटवार के बाद स्टीव स्मिथ ने नाइट वॉचमैन कुहेनमैन को बल्लेबाजी के लिे भेज दिया क्योंकि उस्मान ख्वाजा चोटिल थे। अंतिम दिन भी बल्लेबाजों ने कप्तान स्मिथ के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही बल्लेबाजी की और
टेस्ट ड्रॉ कराया। अब स्मिथ वनडे सीरीज में भी भारत के खिलाफ कप्तानी करते हुए नजर आएंगे। भारत के खिलाफ भारतीय जमीन पर स्मिथ सिर्फ 2 बार टेस्ट हारे हैं जो उन्हें साल 2017 के दौरे पर मिली थी, और इतनी ही बार उनकी कप्तानी में जीत और मुकाबले ड्रॉ हुए हैं।
उनकी कप्तानी में इस दौरे पर ऑस्ट्रेलिया को एक भी टेस्ट मैच नहीं हारना पड़ा है। एक टेस्ट दौरे पर भारत से अविजित लौटने वाले वह आधुनिक युग के इकलौते कप्तान है। भारत को 2-1 से सीरीज हराने वाले एलिस्टर कुक भी अहमदाबाद में टेस्ट हार चुके थे। 1-1 से सीरीज बराबर करने वाले दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ भी ऐसा नहीं कर पाए थे।
यही नहीं साल 2004 की ऑस्ट्रेलिया टीम जिसकी अगुवाई एडम गिलक्रिस्ट ने की थी उसे भी बॉर्डर गावस्कर सीरीज जीतने के बाद भी मुंबई में खेला अंतिम टेस्ट गंवाना पड़ा था। इस सदी में कोई भी कप्तान भारत में टेस्ट सीरीज खेले बिना अविजित नहीं रहा है लेकिन यह रिकॉर्ड अब स्टीव स्मिथ के नाम है।
स्टीव स्मिथ ने की इन खिलाड़ियों की तारीफ
ऑस्ट्रेलिया के कार्यवाहक कप्तान स्टीव स्मिथ का मानना है कि भारत दौरे में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले स्पिनर टॉड मर्फी और मैथ्यू कुहनेमन ने भारतीय उपमहाद्वीप के अपने पहले दौरे में शानदार प्रदर्शन किया।
अनुभवी नाथन लियोन 22 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे लेकिन ऑफ स्पिनर मर्फी (चार टेस्ट में से 14 विकेट) और कुहनेमन (तीन टेस्ट में नौ विकेट) ने भी कई स्टार बल्लेबाजों की मौजूदगी वाली भारतीय टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया।
स्मिथ ने श्रृंखला समाप्त होने के बाद कहा, सभी खिलाड़ियों ने पिछले कुछ सप्ताह में अच्छा प्रदर्शन किया। कुहनेमन और मर्फी ने भारत में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया, यह कई बार काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है और जिस तरह से
उन्होंने प्रदर्शन किया वह शानदार था।उन्होंने ट्रैविस हेड की भी सराहना की जो नियमित सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर के कोहनी में फ्रैक्चर के कारण स्वदेश लौटने के कारण पारी का आगाज करने के लिए उतरे।
स्मिथ ने कहा,इतने कम समय में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाना हेड के लिए वास्तव में सकारात्मक रहा। इसके अलावा ग्रीनी (कैमरन ग्रीन) ने जिस तरह से वापसी की, वह भी शानदार रहा।स्मिथ ने इसके साथ ही कहा कि श्रृंखला बेहतर माहौल में खेली गई।
उन्होंने कहा, मैच वास्तव में अच्छी भावना में खेले गए। हम सहजता से खेल रहे थे। हम क्रिकेट को बात करने दे रहे थे। हम बस एक अच्छी श्रृंखला का हिस्सा बनना चाह रहे थे। प्रत्येक मैदान पर खेल का आनंद ले रहा था। पहले तीन मैच जल्दी समाप्त हो गए, लेकिन यह एक शानदार श्रृंखला थी और बहुत मज़ा आया।