दुबई: भारतीय महिला एकदिवसीय टीम की कप्तान मिताली राज और दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने मंगलवार को आईसीसी की ताजा रैंकिंग में अपना दूसरा स्थान बरकरार रखा है। भारतीय जोड़ी सूची क्रमश: 738 और 727 अंकों के साथ में दूसरे स्थान पर हैं।
ऑस्ट्रेलिया की एलिसा हीली 742 अंको के साथ बल्लेबाजी रैंकिग के शीर्ष पर हैं। हीली की साथी बैथ मूनी 716 अंक के साथ तीसरे और न्यूजीलैंड की एमी सैटर्थवेट 717 अंक के साथ चौथे पायदान पर हैं। भारत की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना दो स्थान के सुधार के साथ आईसीसी महिला एकदिवसीय रैंकिंग में बल्लेबाजों की सूची में पांचवें स्थान पर पहुंच गई है जबकि कप्तान मिताली राज ने अपना दूसरा स्थान बरकरार रखा है।
गेंदबाजी में ऑस्ट्रेलिया की जेस जोनासन 773 अंको के साथ पहले स्थान पर मौजूद हैं। उनके बाद इंग्लैंड की सोफी एक्लस्टोन 717 अंक के साथ एक स्थान ऊपर उठकर तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं। वहीं आस्ट्रेलिया की ही मेगन शट 708 प्वाइंट के साथ चौथे पायदान पर खिसक गई हैं। उनके बाद पांचवे स्थान पर शबनम इस्माइल मौजूद हैं। उनके पास 689 अंक हैं।
ऑलराउंडर रैंकिग में एलीस पेरी 407 अंक के साथ फिर से पहले नंबर पर पहुंच गई हैं, जबकि इंग्लैंड की नताली शिवर एक स्थान नीचे खिसककर दूसरे पायदान पर आ गई हैं। तीसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका की मारीजन कैप 327 अंक के साथ मैजूद हैं। वहीं भारत की दीप्ति शर्मा चौथे स्थान पर बनी हुई हैं। उनके पास 299 अकं हैं। पांचवे नंबर पर 248 प्वाइट के साथ इंग्लैंड की कैथरीन ब्रंट मौजूद हैं।
न्यूजीलैंड में खेल मनोवैज्ञानिक की मौजूदगी से मदद मिली : मिताली
भारतीय वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा कि टीम को न्यूजीलैंड दौरे पर खेल मनोवैज्ञानिक की मौजूदगी से काफी फायदा मिला और कोरोना काल में इस तरह की पेशेवर मदद जरूरी है।खेल मनोवैज्ञानिक मुग्धा बवारे टीम के साथ दो महीने के न्यूजीलैंड दौरे पर है।
मिताली ने पहले भी कहा था कि नाकआउट मैचों का दबाव झेलने के लिये मनोवैज्ञानिक की जरूरत है और अब बायो बबल के बीच खेली जा रही श्रृंखलाओं में तो यह जरूरत बढ गई है।
उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 मैच से पूर्व कहा , आज के दौर में लंबे दौरों, पृथकवास और बायो बबल के बीच यह जरूरत और बढ गई है । यह दो महीने का दौरा है जिसमें वनडे श्रृंखला और विश्व कप भी है। ऐसे में खेल मनोवैज्ञानिक के साथ व्यक्तिगत सत्र काफी अहम है।
उन्होंने कहा , इससे आपको खुद को समझने में मदद मिलती है ताकि आप दबाव और पृथकवास का सामना बेहतर ढंग से कर सकें।
भारतीय टीम क्राइस्टचर्च में दस दिन के पृथकवास के बाद यहां पहुंची है।यह पूछने पर कि पृथकवास में उन्होंने क्या किया, मिताली ने कहा , मैं किताबें पढती हूं, पहेलियां सुलझाती हूं और क्रिकेट से इतर दूसरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करती हूं।