शार्दुल ठाकुर के लिए यह साल काफी अच्छा रहा। उन्होंने दिए गए मौके को भुनाया और टीम में अपनी जगह पक्की की। गेंद हो या बल्ला उन्होंने ऐसे मौकों पर टीम का साथ दिया जब भारत मुश्किल में था। अगर उन्होंने इस वक्त अच्छा खेल ना दिखाया होता तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था।
अमूमन इस बात को देखकर ही मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार दिया जाता है लेकिन शार्दुल दो बार इसको पाने में चूक गए। पहला मौका था ब्रिस्बेन के गाबा में खेला गया चौथा टेस्ट जिसमें शार्दुल ठाकुर ने 67 रनों की पारी खेल और वॉशिंगटन सुंदर के साथ शतकीय साझेदारी कर भारत को मैच में वापस लाया था।
भारत का स्कोर एक समय छह विकेट पर 186 रन था और वह ऑस्ट्रेलिया से 183 रन पीछे था। ठाकुर (67) और सुंदर (62) ने यहीं से जिम्मेदारी संभाली और सातवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की।
सिर्फ बल्ले से ही नहीं शार्दुल ठाकुर ने गेंद से भी इस टेस्ट में कमाल किया था और 7 विकेट चटकाए थे। लेकिन अंतिम दिन ऋषभ पंत की चमत्कारिक पारी ने भारत की जीत पर मुहर लगाई और उनको मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार दिया गया।
लेकिन द ओवल पर खेले गए मैच में तो फैंस को लग रहा था कि शार्दुल ठाकुर को ही मैन ऑफ द मैच मिलेगा लेकिन इस बार भी वह मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार नहीं जीत पाए।
इस मैच में गेंद और बल्ले से जिस खिलाड़ी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया वह थे शार्दूल ठाकुर। एक समय पहली पारी में भारत 129-7 विकेट गंवा चुका था। वहां से टीम को शार्दुल ठाकुर ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर 191 रनों तक पहुंचाया।
सिर्फ पहली पारी में ही नहीं दूसरी पारी में जब भारत को उनकी बल्लेबाजी की जरुरत पड़ी तो उन्होंने 60 रन बनाए। गेंदबाजी की बात करें तो उन्होंने पहली पारी में 1 और दूसरी पारी में 2 विकेट लिए।
पहली पारी में उन्होंने 81 रन बना चुके ओली पोप को बोल्ड कर शतक करने से रोका। वहीं दूसरी पारी का पहला विकेट रोरी बर्न्स के रूप में उन्होंने ही टीम को दिलवाया। बर्न्स 50 रन बनाकर आउट हुए। वहीं सबसे बड़ा विकेट, जो रूट को बोल्ड कर टीम इंडिया की जीत को औपचारिकता बनाया।
इस प्रदर्शन के बावजूद भी दूसरी पारी में शतक जड़ चुके रोहित शर्मा को मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार मिला। सिर्फ फैंस नहीं खुद रोहित शर्मा ने यह बात कबूली कि मैन ऑफ द मैच के हकदार शार्दुल ठाकुर हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जिस टेस्ट में शार्दुल को मैन ऑफ द मैच मिलने की आशा रही वह सीरीज का चौथा मैच ही था। हालांकि शार्दुल ठाकुर जिस स्तर के ऑलराउंडर हैं टेस्ट में वह जल्द ही मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम करेंगे।
कभी मोटापे से जूझ रहे थे शार्दुल ठाकुर
मुंबई की सीनियर टीम में चयन होने से पहले शार्दूल ठाकुर मोटापे से जूझ रहे थे। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुल्कर ने उनको वजन कम करने की सलाह दी ताकि वह लंबे समय तक क्रिकेट खेल पाएं। शार्दुल ठाकुर ने फिटनेस पर ध्यान दिया और इस समस्या का हल निकाला। इसके बाद उनका चयन आईपीएल में हुआ और फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए दरवाजा खुला। (वेबदुनिया डेस्क)