नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने एक भावुक खत लिखा है, जो सुर्खियों में बना हुआ है। क्रिकेट के भगवान और 'भारत रत्न' से सम्मानित सचिन ने कहा कि पुरुषों को अपनी भावनाओं को छिपाना नहीं चाहिए और मुश्किल पलों में यदि वे भावुक हो जाएं तो अपने आंसुओं को बहने दें। ये बहते हुए आंसू आपको और मजबूत बनाएंगे।
सचिन ने 'इंटरनेशनल मेंस वीक' के मौके पर सभी युवा लड़कों और पुरुषों के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पुरुषों से मजबूत बनने के लिए भावनाओं का खुलकर इजहार करने की अपील की है।
सचिन का जरूरी संदेश : अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से 16 नवंबर 2013 को संन्यास लेने वाले पूर्व क्रिकेटर के क्रिकेट को अलविदा कहे 6 वर्ष हो चुके हैं। सचिन ने इस पत्र में अपनी भावनाओं का भी जिक्र किया है और लिखा, 'यह ठीक है कि पुरुष रोएं। यह संदेश इसलिए है कि अपनी भावनाएं दिखाने के बावजूद एक पुरुष की पौरुषता कम नहीं होती।'
जब आपका रोने को दिल करेगा : सचिन ने लिखा, आप जल्द ही पति, पिता, भाई, दोस्त, मेंटर और अध्यापक बनेंगे। आपको उदाहरण तय करने होंगे। आपको मजबूत और साहसी बनना होगा लेकिन आपके जीवन में ऐसे पल आएंगे, जब आपको डर, संदेह और परेशानियों का अनुभव होगा। वह समय भी आएगा जब आप विफल होंगे और आपको रोने का मन करेगा। लेकिन यकीनन ऐसे समय में आप अपने आंसुओं को रोक लेंगे और मजबूत दिखाने का प्रयास करेंगे, क्येंकि पुरुष ऐसा ही करते हैं। पुरुषों को इसी तरह बड़ा किया जाता है कि पुरुष कभी रोते नहीं। रोने से आदमी कमजोर होते हैं।
जब मेरे आंसू भी दुनिया ने देखे : सचिन ने कहा कि मैं भी इसी तरह बड़ा हुआ हूं लेकिन मैं गलत था। दर्द और संघर्ष ने ही मुझे इतना मजबूत और सफल बनाया है। मैं अपने जीवन में कभी भी 16 नवंबर 2013 की तारीख को भूल नहीं सकता। मेरे लिए उस दिन आखिरी बार पैवेलियन लौटना बहुत मुश्किल था और दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। मेरा गला रूंध गया था लेकिन फिर अचानक मेरे आंसू दुनिया के सामने बह निकले और हैरानी की बात है कि उसके बाद मैं शांति महसूस करने लगा था।
आंसू आपको मजबूत बनाते हैं : भारतीय क्रिकेट की सबसे सफल शख्सियत सचिन ने कहा कि रोने और आंसू दिखाने में कोई शर्म नहीं है। यह आपके जीवन का हिस्सा है और इससे आप मजबूत बनते हैं।