वेस्ट इंडीज और टीम इंडिया के बीच खेले गए तीसरे और अंतिम टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में ऋषभ पंत ने शानदार अर्द्धशतक ठोका, लेकिन क्रीज में लम्बें समय तक टिके होने के बावजूद भी वह अपना विकेट नही बचा सके और आउट हो गए। पंत ने जिस तरह से अपना विकेट खोया उस कारण से उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
ऋषभ पंत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलकर अपनी गलतियों को सुधारने में लगे हैं। वह हर दिन अपनी गलतियों में सुधार कर एक अच्छे क्रिकेटर होने का परिचय दे रहे हैं। वह हर दिन अपने अंदर एक अच्छे क्रिकेटर और इंसान के रूप में सुधार करना चाहते हैं। भारतीय टीम का अगले 6 महीने का कार्यक्रम काफी व्यस्त है। इस बारे में पंत से पूछा गया कि वह इस समय को कैसे देखते हैं तो उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए प्रत्येक मैच महत्वपूर्ण है और यह सिर्फ अगले छह महीने का मामला नहीं है। मेरे जीवन का प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण है और मैं खिलाड़ी और इंसान के रूप में सुधार करना चाहता हूं। मैं इसे लेकर उत्सुक हूं।’
पंत ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मैं हर बार बड़ी पारी खेलना चाहता हूं, लेकिन मैं जब भी क्रीज पर उतरता हूं तो हर समय मेरा ध्यान इस पर नहीं होता। क्रीज पर जमने के बाद मैंने विकेट गंवाया क्योंकि मैं सामान्य होकर खेलना चाहता हूं, सकारात्मक क्रिकेट जिससे मेरी टीम को मैच जीतने में मदद मिले।’
ऋषभ पंत ने कहा कि उन्हें खुशी है कि टीम प्रबंधन सभी खिलाड़ी का समर्थन कर रहा है और उन्हें पर्याप्त मौके दे रहा है। 21 साल के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘हम प्रयोग नहीं कर रहे क्योंकि हम टीम में शामिल सभी खिलाड़ियों को मौका दे रहे हैं। सभी को पर्याप्त मौके मिल रहे हैं। सभी अपनी स्थिति को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि टीम प्रबंधन उनका समर्थन कर रहा है।’
युवा विकेटकीपर बल्लेबाज पंत ने कहा कि विश्व कप सेमीफाइनल से हमारा बाहर होना निराशाजनक था लेकिन यह आगे बढ़ने का समय है। उन्होंने कहा, ‘विश्व कप सेमीफाइनल हारने के बाद हमें बुरा लग रहा था, लेकिन पेशेवर खिलाड़ी के रूप में हमें पता है कि हम खराब नहीं खेले। यह सिर्फ 45 मिनट का खराब क्रिकेट था।