Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

'क्यों गेंद हाथ में ले ली जब बनना चाहता था बल्लेबाज', रविचंद्रन अश्विन का छलका दर्द

संन्यास के बाद मुझे पछतावा होगा कि मुझे गेंदबाज नहीं बल्लेबाज होना चाहिए था: रविचंद्रन अश्विन

हमें फॉलो करें 'क्यों गेंद हाथ में ले ली जब बनना चाहता था बल्लेबाज', रविचंद्रन अश्विन का छलका दर्द
, शनिवार, 17 जून 2023 (16:36 IST)
WTC Final (World Test Championship Final) में Australia से बुरी तरह हार जाने के एक हफ्ते बाद रविचंद्रन आश्विन ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम में ना लिए जाने पर चुप्पी तोड़ी है और अब वे इस विषय पर पूछे गए हर सवाल का जवाब दे रहे हैं। ICC Test Ranking में नंबर एक गेंदबाज Ravichandran Ashwin को WTC Final में परिस्तिथियां और मैदान देख कर टीम से बाहर बिठाया गया था।

टीम ने प्लेयिंग 11 में 4 तेज गेंदबाज और 1 स्पिनर खेलाया था। टीम के इस निर्णय से भारतीय पूर्व खिलाडी Sunil Gavaskar खुश नहीं थे। उन्होंने कहा था कि मैदान और परिस्तिथियां स्पिनर और गेंदबाज खेलेंगे या नहीं इसका कारण बनते हैं लेकिन ये रूल बल्लेबाजों पर लागू नहीं होता। 2021 में भी ऑस्ट्रेलिया में एक सीरीज के दौरान उन्होंने इसी नियम के बारे में बात करते हुए आश्विन का उदहारण दिया था।

ऑस्ट्रेलिया से 209 रनों की हार के बाद आश्विन ने इंडियन एक्सप्रेस पर एक इंटरव्यू के दौरान सुनील गावस्कर के कथन पर बातचीत करते हुए कहा कि यह बिलकुल सच बात है और वे संन्यास लेने के बाद एक बल्लेबाज से एक गेंदबाज बनने पर पछतावा करेंगे ("the first thing I will regret is having been such a fine batter, I should have never become a bowler")। उन्होंने कहा "यह एक सच्ची कहानी है और मैं कुछ गढ़ी हुई बात नहीं करता।

सचिन तेंदुलकर को देखकर बल्लेबाजी करने की सोची थी

एक दिन, मैं भारत-श्रीलंका का खेल देख रहा था और भारत की गेंदबाजी चरमरा रही थी। मेरे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर थे, और जो भी रन बनाते थे, हम गेंद से रन लुटाते थे। मैं सोचता था - एक दिन मुझे गेंदबाज बनना है। क्या मैं मौजूदा गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता? यह सोचने का बहुत ही बचकाना तरीका है लेकिन ऐसा है मैंने सोचा और इसीलिए मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की। यहीं से इसकी शुरुआत हुई।"
webdunia

उन्होंने कहा, "हालांकि, कल जब मैं संन्यास लूंगा, तो सबसे पहले मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैं इतना अच्छा बल्लेबाज था, मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था। यह एक ऐसी धारणा है, जिससे मैंने लगातार लड़ने की कोशिश की है, लेकिन अलग-अलग मानदंड हैं।" गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए। और उपचार के विभिन्न तरीके हैं। मैं समझता हूं, बल्लेबाज के लिए, यह एक गेंद का खेल है और उन्हें मौके की जरूरत है।"

अश्विन, जिनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 400 से अधिक विकेट हैं, ने बताया कि उन्हें पता था कि उन्हें भारतीय टीम में अपनी योग्यता साबित करने के कम अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा "कुछ लोगों को 10 मैच मिलेंगे, कुछ लोगों को 15 मिलेंगे, कुछ लोगों को 20 मिलेंगे। जिस दिन मैंने भारतीय रंग पहना था, मुझे पता था कि मुझे केवल दो मिलेंगे। इसलिए मैं इसके लिए तैयार था। ऐसा नहीं है कि यह कुछ अनुचित व्यवहार है। मेरे सुधार का एकमात्र कारण, या मैं अभी जिस तरह से अपनी क्रिकेट खेलता हूं, वह यह है कि मैंने स्वीकार किया है कि मुझे केवल दो टेस्ट मैच मिलेंगे। मैं घर वापस जाकर यह नहीं कहना चाहता कि 'बॉस' उसे 15 मिले और मुझे दो मिले'। मैं ऐसा नहीं करना चाहता क्योंकि मैं केवल यह नियंत्रित कर सकता हूं कि मैं कौन हूं और मैं क्या कर सकता हूं।"
webdunia

अश्विन का अब तक का टेस्ट करियर

रविचंद्रन अश्विन ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अरुण जेटली स्टेडियम में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने 92 मैच खेले हैं और 26.97 की औसत से 3129 रन बनाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 124 है और उनके नाम पर 5 शतक और 13 अर्धशतक हैं। गेंदबाजी की बात की जाए तो उन्होंने इन 92 मैचों में 2.77 की इकॉनमी के साथ 474 विकेट लिए हैं और 32 बार 5 विकेट और 7 बार 10 विकेट हॉल भी प्राप्त किया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जिस खिलाड़ी ने जिताया जूनियर महिला एशिया कप उसकी गुरु हैं रानी रामपाल