हैदराबाद। भारतीय सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने गुरुवार को यहां कि ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को खेलने की अपनी प्रवृत्ति पर रोक लगाने और अपना नैसर्गिक खेल खेलने से वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रन बनाने में सफल रहे। विजय ने बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच के पहले दिन आज यहां अपने करियर का नौवां शतक जमाया। तमिलनाडु के दाएँ हाथ के बल्लेबाज ने अपने खेल के उन पहुलुओं पर बात की जिन पर उन्होंने काम किया।
विजय ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं उन गेंदों को भी खेल रहा था जिन्हें वास्तव में मुझे छोड़ना चाहिए था। मैं जब घर गया तो मैंने इस पर गहन विचार किया और फिर बंबई (इंग्लैंड टेस्ट मैच के लिए मुंबई) आया और खुद पर दबाव बनाने वाली परिस्थिति के अनुसार खेलने की बजाय उस तरह से बल्लेबाजी जैसा मुझे खेलना चाहिए था।
ये छोटी छोटी चीजें थी जिन पर मैंने बंबई टेस्ट में काम किया। उन्होंने कहा कि अभी मैं केवल एक प्रारूप में खेल रहा हूं तो मेरे पास इसको लेकर बहुत अच्छी रणनीति है और मैं उस पर कायम रहा। मैं भारत को अधिक से अधिक अच्छी शुरूआत देना चाहता हूं। मैं अन्य दो प्रारूपों में भी मौका हासिल करने के लिये तैयार हूं। दिन की अपनी रणनीति के बारे में विजय ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं श्रृंखला से पहले अपने खेल को लेकर अच्छा महसूस कर रहा था। उम्मीद है कि मेरी यह फार्म बरकरार रहेगी। मैंने चार पांच ओवर तक नई गेंद को अच्छी तरह से देखा और विकेट को परखा। इसके बाद मुझे लगा कि मैं अपने शॉट खेल सकता हूं। दोपहर बाद विकेट धीमा हो गया था।
विजय का मानना है कि कप्तान विराट कोहली की वजह से भारत दिन में 20 रन अधिक बनाने में सफल रहा। भारत ने आखिरी नौ ओवरों में 63 रन बटोरे। उन्होंने कहा कि विराट अभी जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहा है उसे खेलते हुए देखने में मजा आता है।
वे अभी अपने खेल को एक भिन्न स्तर पर ले गया है। दिन के आखिर में हमारा स्कोर 354 (असल में 356) रन तक तक पहुंच गया। मेरे विचार में 340 का स्कोर भी अच्छा होता लेकिन कोहली की वजह से हम 10 से 20 अतिरिक्त रन बनाने में सफल रहे।
विजय ने कहा कि वे जिस तरह से शॉट लगा रहा है वह शानदार है। मुझे लगा कि नई गेंद लेने के बाद वे बल्ले पर अधिक तेजी से आई और उसने अपनी रणनीति उसी तरह से बनाई। यह उसके लिए अच्छा रहा। उम्मीद है कि वह बड़ी पारी खेलेगा।
चेतेश्वर पुजारा (83) के साथ 178 रन की साझेदारी के बारे में विजय ने कहा कि हम वास्तव में क्रीज पर एक दूसरे के साथ का पूरा आनंद उठाते हैं। वे ठोस बल्लेबाज हैं। वे मेरे लिए चीजों को आसान बनाते हैं। हम दोनों के बीच बहुत अच्छा तालमेल है जिससे चीजें आसान बन जाती हैं।
विजय ने पुजारा की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि वे महान खिलाड़ी बनेंगे। उनके साथ बल्लेबाजी करना सम्मान है। ड्रेसिंग रूम में हम दोनों दो अलग तरह के व्यक्ति होते हैं क्योंकि हमारी सोच अलग होती है लेकिन जब हम क्रीज पर उतरते हैं तो एक दूसरे के साथ पूरा आनंद उठाते हैं और एक-दूसरे की सफलता का जश्न मनाते हैं। वे भारत के सभी युवा खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन रोल मॉडल हैं।