ऑस्ट्रेलिया में जिस गेंदबाज ने टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट चटकाए हों वह क्या अगले मैच में बैंच पर बैठ सकता है। यह बात सोचने में ही मजाक लगती है । लेकिन आज ऐसा मजाक मोहम्मद सिराज के साथ हुआ है।
इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट की अंतिम ग्यारह में मोहम्मद सिराज का नाम नदारद था। सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 13 विकेट झटके थे लेकिन फिर भी उनको पहले टेस्ट में शामिल करने के बजाए एक सब्सटिट्यूट फील्डर की भूमिका दी गई।
मोहम्मद सिराज ने जिस घड़ी में उच्च श्रेणी की गेंदबाजी की है वह काबिले तारीफ है। जब उनके कदम ऑस्ट्रेलिया की धरती पर पड़े ही थे तो उनके पिता के निधन की खबर आयी थी। यही नहीं मोहम्मद सिराज को ऑस्ट्रेलिया में एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन तीन बार नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है। दूसरा टेस्ट हारने के बाद ऑस्ट्रेलियाई दर्शक तो उनके पीछे पड़ गए, सिडनी में बिग मंकी कहा तो ब्रिस्बेन में ग्रब।
लेकिन सिराज ने अपना संयम बनाए रखा और अपने प्रदर्शन में इसका कोई असर नहीं पड़ने दिया। लेकिन उनके लिए दुख की बात रही कि कठिन समय में संयम और प्रदर्शन करने के बावजूद भी उन्हें घरेलू मैदान पर अंतिम ग्यारह का हिस्सा नहीं बनाया गया।
कप्तान विराट कोहली के इस निर्णय से भारतीय क्रिकेट फैंस काफी खफा हुए। उन्होंने अपनी नाराजगी माइक्रो ब्लोगिंग साइट ट्विटर पर निकाली। कुछ हैंडल्स ने इसकी जमकर आलोचना की तो कई हैंडल्स ने इस पर हास्यास्पद कटाक्ष किया।
उनकी जगह खिलाए गए इशांत शर्मा ने किफायती गेंदबाजी तो की लेकिन विकेट निकालने में नाकामयाब रहे। ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर रहे इशांत ने इस सीरीज से भारतीय टीम में वापसी की। उन्होंने कंजूसी के साथ गेंदबाजी की लेकिन 15 ओवर में 27 रन देकर कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए। (वेबदुनिया डेस्क)