नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण अगर हालात इस कदर बिगड़े नहीं होते और लोगों को लॉकडाउन की वजह से घर में बंद नहीं रहना होता तो रविवार को मुंबई में चर्चगेट स्टेशन पीले और नीले रंग से सराबोर होता, क्योंकि लोग इंडियन प्रीमियर लीग का मुकाबला देखने को आतुर होते।
कोविड-19 के कारण दुनियाभर में प्रतियोगिताएं रद्द या स्थगित हो गई हैं जिसमें आईपीएल को भी स्थगित कर दिया गया। जिससे अब रात को 8 बजे आईपीएल मैच नहीं हो रहा है और वानखेडे की पिच पर महेंद्र सिंह धोनी या रोहित शर्मा दिखाई नहीं दे रहे। लॉकडाउन की वजह से कुछ नेटफ्लिक्स पर तो कुछ डीडी नेशनल पर कार्यक्रम देख रहे हैं।
धोनी के लिए आईपीएल के लिए साढ़े 8 महीने बाद वापसी टूर्नामेंट होता। वे चेन्नई सुपरकिंग्स टीम की अगुआई करते जिसके कुछ खिलाड़ियों के लिए यह अंतिम वर्ष होता। सुरेश रैना, हरभजन सिंह और शेन वॉटसन के अगले साल पीली जर्सी में खेलने की उम्मीद नहीं है।
धोनी के लिए यह फॉर्म में वापसी कर दुनिया को दिखाने का मौका होता कि ऋषभ पंत और लोकेश राहुल को वैश्विक टूर्नामेंट के लिए अंतिम बार इंतजार करने के लिए क्यों कहा जा सकता है। अगर आईपीएल नहीं होता है और विश्व टी-20 इस साल हालात सामान्य होने की स्थिति में आयोजित किया जा सकता है तो क्या धोनी फिर से भारतीय टीम के लिए खेलते दिखेंगे?
उनके प्रशसंकों को हालांकि यह बात रास नहीं आएगी लेकिन सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग और कपिल देव ऐसा महसूस नहीं करते।