मध्यप्रदेश के खिलाफ बड़ौदा फॉलोआन को मजबूर

Webdunia
रविवार, 8 अक्टूबर 2017 (21:57 IST)
इंदौर। पठान बंधुओं की शानदार साझेदारी के बाद भी बड़ौदा की टीम रणजी ट्रॉफी के ग्रुप 'सी' के मैच में तीसरे दिन मध्यप्रदेश के खिलाफ फॉलोऑन नहीं बचा सकी। मध्यप्रदेश के आठ विकेट पर 551 रन के जवाब में बड़ौदा की टीम पहली पारी में 302 पर सिमट गई।
 
दिन का खेल खत्म होने तक बड़ौदा ने फॉलोआन खेलते हुए एक विकेट पर 41 रन बनाए लिए। कल के स्कोर दो विकेट पर 36 रन से आगे खेलते हुए बड़ौदा ने 54 रन तक चार विकेट गवां दिए। लेकिन इसके बाद युसूफ पठान (111) की शतकीय पारी और कप्तान इरफान पठान (80) की अर्ध शतकीय पारी ने टीम को संभाला। दोनों ने 188 रन की साझेदारी कर टीम को संकट से निकाला। 
 
युसूफ ने 125 गेंद की अपनी पारी में छ: छक्कों के साथ 13 चौके लगाए तो वही इरफान पठान ने भी 10 चौके और तीन छक्के लगाए। टीम के 242 रन के स्कोर पर अंकित शर्मा (75 रन पर दो विकेट) ने इरफान पठान का विकेट लिया। 
 
टीम के स्कोर में अभी चार रन ही और जुड़ा था कि युसूफ आवेश खान (78 रन पर दो विकेट) के शिकार बन गए। दोनों भाईयों के आउट होने के बाद बडौदा की पारी एक बार फिर लडखड़ा गई और टीम 302 रन पर ऑल आउट हो गई।
 
मध्यप्रदेश के कप्तान नमन ओझा ने बड़ौदा को फॉलोआन खेलने के लिए कहा और आज की आखिरी गेंद पर आवेश खान (सात रन पर एक विकेट) से सलामी बल्लेबाज आदित्य वाघमोडे (31) को पैवेलियन का रास्ता दिखाया। बड़ौदा की टीम मध्यप्रदेश से अब भी 208 रन पीछे है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

ICC ने PCB को बताया, भारत चाहता है चैंपियन्स ट्रॉफी के मैच हों दुबई में

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सुस्त भारतीय पारी बना पाई सिर्फ 124 रन, खोए 6 विकेट

नए युग के लिए उत्साहित है जोस बटलर, युवा इंग्लैंड टीम की करेंगे कप्तानी

दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर भारत के खिलाफ पहले गेंदबाजी का किया फैसला

पृथ्वी शॉ के डूबते प्रथम श्रेणी करियर को मिला तिनके का सहारा

अगला लेख
More