लोकेश राहुल की टी20 बल्लेबाजी की बदलती गतिशीलता के साथ तालमेल बैठाने में असमर्थता के कारण वह लखनऊ सुपर जाइंट्स (एलएसजी) में रिटेन (टीम में बरकरार रहने) की दौड़ में पिछड़ गए जबकि फ्रेंचाइजी ने मुख्य कोच जस्टिन लैंगर और मेंटर (मार्गदर्शक) जहीर खान की पसंद के अनुसार बेहतरीन फिनिशिर निकोलस पूरन को अपने साथ बरकरार रखने का विकल्प चुना।
अगस्त में पीटीआई ने पहली बार बताया था कि राहुल के खराब स्ट्राइक रेट के कारण उन्हें कप्तानी से हाथ धोना पड़ सकता है। फिलहाल एलएसजी ने आगामी आईपीएल नीलामी से पहले अपने शीर्ष खिलाड़ी के रूप में रिटेन करने के लिए पूरन के साथ तेज गेंदबाज मयंक यादव, लेग स्पिनर रवि बिश्नोई और आयुष बडोनी को चुना है।
एलएसजी में घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक सूत्र ने बुधवार को पीटीआई को बताया, एलएसजी ने सिर्फ पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन पर गौर किया है और खास तौर पर राहुल की खुद की बल्लेबाजी शैली और स्ट्राइक रेट को ही ध्यान में रखा जो किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं।
उन्होंने कहा, इसलिए लैंगर और जहीर ने सभी आंकड़ों को अपने साथ रखा... एलएसजी के साथ तीन साल के दौरान राहुल का स्ट्राइक रेट 136.13 (616 रन), 113.23 (274) और 135.38 (520) रहा है। आज के टी20 युग में जब भारतीय टीम को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ी तो ये आंकड़े स्वीकार्य नहीं थे।
इसकी तुलना में आम तौर पर अंतिम 10 ओवर में बल्लेबाजी करने वाले पूरन का 2022 में स्ट्राइक रेट 144.34 था और अगले दो सत्र में 172.95 और 178.21 के साथ बहुत प्रभावशाली रहा।
सूत्र ने कहा, अगर आप 2024 में देखें तो राहुल के 520 रन टीम को क्वालीफाई करने में मदद नहीं करेंगे। हमारी पावरप्ले बल्लेबाजी के कारण अधिकांश मैच जीते और हारे गए।
दूसरी ओर पूरन टीम के एक लोकप्रिय सदस्य हैं और टीम में नेतृत्वकर्ताओं में से एक हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज की कप्तानी भी की है।
जहां तक मयंक यादव का सवाल है तो वह देश में 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं और एलएसजी ने उस समय उन पर निवेश किया था जब वह कोई खास खिलाड़ी नहीं थे।
सूत्र ने कहा, मयंक एलएसजी के घरेलू खिलाड़ी की तरह हैं। उनकी प्रतिभा के कारण ये चोटें मायने नहीं रखतीं क्योंकि वह हमारे लिए एक संपत्ति हैं।
इस बीच दिल्ली कैपिटल्स ने ऋषभ पंत को रिटेन करने को लेकर खुलासा नहीं किया है। उनका भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि जीएमआर प्रबंधन सह-मालिक जेएसडब्ल्यू द्वारा चुने गए खिलाड़ी को कितनी छूट देने को तैयार है।
पंत ने जिस सहयोगी टीम के साथ काम किया उसमें मुख्य कोच रिकी पोंटिंग, टीम निदेशक सौरव गांगुली और सहायक कोच प्रवीण आमरे शामिल रहे लेकिन ये इस साल टीम में नहीं है और यह सुखद नहीं है।
इसके बजाय वेणुगोपाल राव और हेमंग बदानी को जिम्मेदारी सौंपी गई और पंत उनके साथ तालमेल बिठा पाएंगे या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।आईपीएल के एक सूत्र ने कहा, अगर पंत नीलामी में जाते हैं तो यकीन मानिए कड़ी बोली लग सकी है और आईपीएल में 25 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार हो सकता है।(भाषा)