इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए जब कर्नाटक के युवा बल्लेबाज करुण नायर का चयन हुआ था तो इसे 'सरप्राइजि़ंग कॉल' कहा गया था। करुण नायर को मध्यक्रम के अतिरिक्त बल्लेबाज के तौर पर टीम में रखा गया था। सीरीज के पहले दो टेस्ट के बाद अजिंक्य रहाणे को चोट लगी और नायर को अंतिम ग्यारह में जगह मिली।
मोहली टेस्ट में नायर को अपना करियर शुरू करने का मौका मिला, लेकिन वे 4 रन ही बना पाए और रन आउट हो गए। मुंबई टेस्ट में भी वे केवल 13 रन ही बना पाए। यहां तक सभी सोच रहे थे कि रहाणे के फिट होते ही नायर की छुट्टी तय है, लेकिन चेन्नई टेस्ट के चौथे दिन जो हुआ उसने भारतीय क्रिकेट के इतिहास को बहुत सारे सुनहरे पल दिए। नायर ने खुद को साबित किया, अब उन्हें नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं होगा।
नायर ने एक ही दिन में तिहरा शतक लगाया। याने जब वे अपने कल के स्कोर 71 रन से आगे खलेने आए तो 100, 200 और 300 रनों का स्कोर उन्होंने एक ही दिन में पूरा कर लिया। यह अपनेआप में बड़ा रिकॉर्ड है।
नायर एक दिन के खेल में ही भारतीय क्रिकेट इतिहास में उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां अब तक केवल वीरेंद्र सहवाग ही खड़े थे। सचिन तेंदुलकर अपने करियर में कभी तिहरा शतक नहीं बना पाए। कुछ विशेषज्ञ कहते थे, क्योंकि सचिन चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं इसलिए वे तिहरा शतक नहीं बना पाए। करुण नायर ने पांचवें नंबर पर आकर तिहरा शतक बनाया।
सवाल यह है कि भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे जब फिट होकर टीम में आएंगे तो करुण नायर का क्या होगा? क्या नायर को इस कमाल के बाद अगली टेस्ट सीरीज में अंतिम ग्यारह में जगह मिलेगी?