परिवर्तन के मुश्किल दौर से गुजर रहा है भारत, सीनियर्स के जाने के बाद इन नामों पर भरोसा
गेंदबाजी में सीमित विकल्प चिंता का विषय
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में हार के बाद भारत का अगले साल जून में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में जगह बनाना अधर में लटक गया है और अगर वह लगातार तीसरी बार इसमें सफल भी रहता है तो डब्ल्यूटीसी के अगले दो साल के चक्र (2025-27) के लिए कप्तान रोहित शर्मा का टीम में बने रहना मुश्किल लगता है।
यही बात रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और विराट कोहली पर भी लागू होती है। अश्विन तब 41 साल जबकि जडेजा और कोहली 39 साल के हो जाएंगे।
न्यूजीलैंड के हाथों शर्मनाक हार के बाद कुछ सीनियर खिलाड़ियों पर उंगलियां उठने लगी हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत परिवर्तन के मुश्किल दौर से गुजरने वाला है। कम से कम चार विश्व स्तरीय क्रिकेटर अगले दो साल में खेल को अलविदा कह देंगे और ऐसे में गंभीर कोच के रूप में अविश्वसनीय स्थिति में हैं।
तेज गेंदबाजी में कौन देगा बुमराह का साथ?
भारत के पास बल्लेबाजी में कई विकल्प हैं लेकिन गेंदबाजी के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता।अभी चोटिल होने के कारण टीम से बाहर चल रहे मोहम्मद शमी अगर वापसी भी करते हैं तो वह लंबे समय तक टीम में नहीं बने रह पाएंगे।
आकाशदीप और मोहम्मद सिराज अच्छे गेंदबाज हैं लेकिन जब दूसरे छोर से जसप्रीत बुमराह गेंदबाजी कर रहे हो तब इन दोनों तेज गेंदबाजों के पास शमी जैसी मारक क्षमता नहीं दिखाई देती।इसके बाद जो तेज गेंदबाज अगली पंक्ति में खड़े हैं उनके साथ भी कुछ ना कुछ समस्या है। आवेश खान और खलील अहमद अच्छे तेज गेंदबाज हैं लेकिन निरंतरता और फिटनेस उनकी बड़ी समस्या है।
नवदीप सैनी की गति धीमी पड़ गई है जबकि उमरान मलिक लगता है कि अपनी राह से भटक गए हैं। मुकेश कुमार, विशाक विजयकुमार, विदवथ कावेरप्पा के पास उस तरह की गति नहीं है जो बल्लेबाजों के मन में संदेह पैदा कर पाए। मयंक यादव को अगर लंबे प्रारूप में खेलना है तो उन्हें अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देना होगा।
तेज गेंदबाजी का ऑलराउंडर ही नहीं
दूसरी समस्या ऐसे ऑलराउंडर की है जो तेज गेंदबाजी भी करता हो। हार्दिक पांड्या 30 साल के हैं और लंबी अवधि का प्रारूप उनकी प्राथमिकता है इस पर संदेह है।भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नीतीश कुमार रेड्डी को टीम में चुना है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कोई विकल्प नहीं होने के कारण वह टीम का हिस्सा बने हैं।
अश्विन और जडेजा की जगह भरेंगे यह 2 नाम
भारत को आने वाले वर्षों में स्पिन विभाग में अश्विन और जडेजा की भी कमी खलेगी। भारतीय टीम के पास उनके विकल्प के रूप में अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर हैं लेकिन यह दोनों उनकी तरह दोनों विभाग में अपनी छाप छोड़ पाएंगे या नहीं यह भविष्य के गर्त में छिपा है।
जहां तक बल्लेबाजी का प्रश्न है रोहित शर्मा के जाने पर उनकी जगह शुभमन गिल सलामी बल्लेबाजी कर सकते हैं। तीसरे नंबर पर अभिमन्यू ईश्वरन को खिलाया जा सकता है। वहीं विराट कोहली के संन्यास लेने पर कोई उतना ही विश्वसनीय बल्लेबाज नंबर 4 पर खेले तो बेहतर। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में फिलहाल ऐसा नाम उभर कर सामने नहीं आ रहा। हो सकता है श्रेयस अय्यर की वापसी हो और वर दूसरा मौका छट से लपक लें।