भारतीय क्रिकेट के आगे खड़ा है 'द वॉल', गावस्कर और गांगुली ने दिया यह बयान

Webdunia
गुरुवार, 18 नवंबर 2021 (19:14 IST)
राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के कोच बन गए हैं। लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट से जुड़े हर मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं। इस बार भी उन्होंने बहुचर्चित मुद्दे राहुल द्रविड़ की कोचिंग पर अपनी राय रखी है।
 
भारत की तरफ से खेलने वाले सर्वकालिक महान क्रिकेटरों में से एक द्रविड़ को इस महीने के शुरू में रवि शास्त्री का कार्यकाल पूरा होने के बाद भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
 
गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स के एक कार्यक्रम में कहा, ‘जब वह खेला करते थे तो हम सोचते थे कि जब तक राहुल द्रविड़ क्रीज पर है, भारतीय बल्लेबाजी सुरक्षित और मजबूत है। इसलिए मेरा मानना है कि मुख्य कोच की नई जिम्मेदारी भी वह इसी तरह से निभाने में सक्षम होंगे।’
 
विराट कोहली की जगह टी-20 की कप्तानी संभालने वाले रोहित शर्मा और द्रविड़ के बीच समानताओं पर गौर करते हुए गावस्कर ने कहा कि वे सहजता से मिलकर काम करेंगे।
गावस्कर ने कहा, ‘अगर आप उन दोनों के स्वभाव पर गौर करो तो वे एक जैसे हैं। रोहित भी राहुल द्रविड़ की तरह शांत स्वभाव के हैं। इसलिए उनके बीच आपसी संबंध काफी अच्छा होगा क्योंकि दोनों ही एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं।’ न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 श्रृंखला से द्रविड और रोहित अपनी इस नई पारी की शुरुआत करेंगे। कोहली को इस श्रृंखला में विश्राम दिया गया है।
 
राहुल द्रविड़ को कोच की कमान सौंपने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का भी यह बयान आया था कि अब भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में है। गौरतलब है कि राहुल द्रविड़ अंडर 19 क्रिकेट टीम के कोच थे और मुख्य टीम इंडिया के कोच बनने के लिेए कतई राजी नहीं थे।
 
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बार बार कहने पर उन्होंने यह भूमिका अपनाई थी। आखिर सौरव गांगुली उनके कप्तान रहे हैं वह बार बार अपने कप्तान की बात टालते भी तो कैसे।
 
 
विकेटकीपिंग के लिए भी मनाया था दादा ने द्रविड़ को

 
दिलचस्प बात यह है कि राहुल द्रविड़ ने ऐसा पहले भी किया था। वनडे विश्वकप 2003 के मद्देनजर सौरव गांगुली राहुल द्रविड़ से काफी पहले ही कीपिंग करवाने लग गए थे। राहुल द्रविड़ को विकेटकीपिंग में जरा भी दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन उन्होंने जैसे तैसे यह भूमिका निभानी शुरु की।
शुरुआत में तो द्रविड़ गेंद भी कलेक्ट नहीं कर पाए। इसकी कमेंटेटर्स ने भी काफी आलोचना की लेकिन 2003 के विश्वकप तक द्रविड़ एक परिपक्व विकेटकीपर बन गए थे। टीम इंडिया के पास अब एक गेंदबाज, बल्लेबाज या फिर एक ऑलराउंडर खिलाने की जगह थी। इस विश्वकप में भारत ने फाइनल तक का सफर तय किया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

IND vs AUS : कपिल के बाद बुमराह बने विदेशी जमीन पर सबसे घातक भारतीय गेंदबाज

पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन गिरे सिर्फ 3 ऑस्ट्रेलियाई विकेट, अचानक बदली पिच

लगातार 3 T-20 शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने तिलक वर्मा

AUSvsIND पर्थ टेस्ट में भारतीय ओपनर्स ने रचा इतिहास, बनाया यह रिकॉर्ड

अगले 8 साल तक एशिया कप सिर्फ इस चैनल और OTT प्लेटफॉर्म पर देख पाएंगे दर्शक

अगला लेख
More