विशाखापत्तनम। मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा द्वारा झटके गए 9 विकेट की बदौलत भारत ने पहले क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन रविवार को यहां दक्षिण अफ्रीका को 203 रन से हराकर 3 मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली। भारत के 395 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम शमी (35 रन पर 5 विकेट) और जडेजा (87 रन पर 4 विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने 63.5 ओवर में 191 रन पर ढेर हो गई।
रविचंद्रन अश्विन ने भी 44 रन देकर एक विकेट चटकाया। शमी ने करियर में चौथी बार पारी में 5 या इससे अधिक विकेट चटकाए। दक्षिण अफ्रीका की हार का अंतर और बड़ा होता लेकिन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे सेनुरान मुथुस्वामी (108 गेंद में नाबाद 49) और 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे डेन पीट (107 गेंद में 56 रन) ने नौवें विकेट के लिए 91 रन की रिकॉर्ड साझेदारी करके भारत के जीत के इंतजार को बढ़ाया।
मुथुस्वामी और पीट की इस साझेदारी से पहले भारत में दक्षिण अफ्रीका की ओर से नौवें विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड फेनी डिविलियर्स और एलेन डोनाल्ड के नाम दर्ज था जिन्होंने 60 रन जोड़े थे। साथ ही पीट द्वारा बटोरे रन भारत में चौथी पारी में आठवें या उससे निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए किसी खिलाड़ी का सर्वाधिक स्कोर भी है।
इससे पहले का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाथन एस्टल के नाम था जिन्होंने अक्टूबर 2003 में अहमदाबाद में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 51 रन बनाए थे। भारत को इस जीत से 40 अंक मिले और उसने 3 मैचों में 3 जीत के साथ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के शीर्ष पर कुल 160 अंक के साथ अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। दक्षिण अफ्रीका का चैंपियनशिप का यह पहला मैच था। दक्षिण अफ्रीका ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 11 रन से की जल्द ही उसने 70 रन तक 8 विकेट गंवा दिए, लेकिन पीट और मुथुस्वामी ने इसके बाद भारत के इंतजार को बढ़ाया।
सुबह के सत्र में 15 मिनट का इजाफा भी किया गया जिससे कि भारत जीत की औपचारिकता पूरी कर सके लेकिन पीट और मुथुस्वामी ने मेजबान टीम को निराश किया। पहले चार दिन बल्लेबाजों को पिच के कारण अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन पांचवें दिन गेंदबाज हावी रहे। स्पिनर गेंद को तेजी से टर्न कराने में सफल रहे जबकि तेज गेंदबाजों को असमान उछाल से फायदा मिला।
अश्विन ने दिन के दूसरे ओवर में ही थ्यूनिस डि ब्रून (10) को बोल्ड करके सबसे तेज 350 टेस्ट विकेट के श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी की। इन दोनों ही स्पिनरों ने अपने 66वें टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की। शमी ने इसके बाद तेंबा बावुमा (शून्य), दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस (13) और पहली पारी में शतक जड़ने वाले क्विंटन डिकाक (शून्य) को बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजी क्रम की कमर तोड़ दी।
बावुमा कम उछाल के साथ तेजी से अंदर आती गेंद को क्रीज में पीछे होकर खेलने के प्रयास में चूक गए जबकि डुप्लेसिस ने अंदर आती गेंद पर शाट नहीं खेलने का फैसला किया और अपना आफ स्टंप गंवा बैठे। शमी ने इसके बाद इनस्विंगर पर डिकाक को बोल्ड करके दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 5 विकेट पर 60 रन किया। जडेजा ने पारी के 27वें ओवर में सलामी बल्लेबाज ऐडन मार्कराम (39), वर्नन फिलेंडर (शून्य) और केशव महाराज (शून्य) को पैवेलियन भेजा। मार्कराम ने जडेजा को उन्हीं की गेंद पर वापस कैच थमाया जबकि फिलेंडर और महाराज को बाएं हाथ के इस स्पिनर ने लगातार गेंदों पर पगबाधा किया।
पीट और मुथुस्वामी ने हालांकि इसके बाद लंच तक भारतीय गेंदबाजों को सफलता से महरुम रखा। पीट ने जडेजा पर डीप मिडविकेट के ऊपर से मैच का 37वां छक्का मारा जिससे टेस्ट मैच में सर्वाधिक छक्कों का नया रिकॉर्ड बना। लंच के बाद भी भारत को सफलता के लिए 18वें ओवर तक इंतजार करना पड़ा जब पीट शमी की गेंद को विकेटों पर खेलकर पैवेलियन लौटे। उन्होंने अपनी पारी में 9 चौके और एक छक्का मारा। पीट ने आउट होने से पहले कामचलाऊ स्पिनर रोहित शर्मा की गेंद पर 2 रन के साथ 86 गेंद में करियर का पहला अर्धशतक पूरा किया। शमी ने इसके बाद कागिसो रबाडा (18) को विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के हाथों कैच कराके भारत को जीत दिलाई।