ब्रिस्बेन में भारत को सबसे पहले जरुरत थी कि वह टॉस जीतकर बल्लेबाजी करे। वह नहीं हुआ और भारत को गेंदबाजी करनी पड़ी। गेंदबाजी की शुरुआत ऐसी हुई कि लगा ऑस्ट्रेलियाई कप्तान और कीपर टिम पेन मेलबर्न वाली गलती कर गए हैं।
डेविड वार्नर को सिराज ने और मार्कस हैरिस को ठाकुर ने चलता कर दिया। स्टीव स्मिथ सेट लग ही रहे थे कि चतुर सुंदर ने उन्हें फंसा कर आउट कर दिया। 87 रनों पर ऑस्ट्रेलिया 3 विकेट खो चुकी थी।
इसके बाद वही हुआ जिसकी उम्मीद थी। कुल 5 गेंदबाजों के साथ इस टेस्ट में उतरने से पहले महज 4 टेस्ट मैचों का अनुभव था वेड (45) और लाबुशेन (108) ने कांउटर अटैक किया। हालांकि नटराजन ने दोनों का विकेट ले लिया लेकिन पेन और ग्रीन अभी तक क्रीज पर हैं।
ब्रिस्बेन टेस्ट के दूसरे दिन अगर भारत को वापसी करनी है तो यह दो बल्लेबाजों को कल जल्द पवैलियन रवाना करना होगा। इन दोनों बल्लेबाजों को पवैलियन का रास्ता दिखाने का जिम्मा होगा या तो सुंदर पर या तो नटराजन पर।
80 ओवर बाद भारत नयी गेंद ले चुका है ,नटराजन अगर ओवर द विकेट आकर गेंद को सुबह के खेल के दौरान अंदर लेकर आए तो टीम इंडिया का काम बन सकता है।अगर नटराजन की यह योजना सफल नहीं होती है तो दारोमदार सुंदर पर रहेगा।
सुंदर को वैसी ही योजना के तहत इन बल्लेबाजों को आउट करना होगा जैसे स्मिथ के खिलाफ बनाई थी। क्लोसिन फील्डर रख कर दबाव बनाना होगा, हो सकता है इसमें वह महंगे साबित हो लेकिन उनका लक्ष्य विकेट लेना होना चाहिए।
अगर पहले सत्र में इन दोनों बल्लेबाजों का विकेट मिल गया तो फिर कंगारुओं की पूँछ ही बचेगी जो इस सीरीज में ज्यादा हिली नहीं है। एडिलेड के पहले टेस्ट की पहली पारी को छोड़ दिया जाए तो किसी भी कंगारू गेंदबाज ने बल्ले से तो टीम इंडिया को परेशान नहीं किया है।
भारत का लक्ष्य होना चाहिए कि पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम 350 से ज्यादा न बना पाए। ताकि बल्लेबाजों के पास बड़ा स्कोर बना कर मैच में वापस आने का मौका मिले। (वेबदुनिया डेस्क)