भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) शुक्रवार से दुबई में होने वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की महत्वपूर्ण बैठक में 25 वर्षों में पहली बार मूक दर्शक की हैसियत से हिस्सा लेगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार अगर आईसीसी के प्रस्तावों के विरोध में भारत चैंपियंस ट्रॉफी से हटने तक के विकल्प पर भी विचार कर सकता है।
इस दो दिवसीय बोर्ड मीटिंग में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व विक्रम लिमये, अमिताभ चौधरी और अनिरूद्ध चौधरी करेंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में आईसीसी कई नियमों में बदलाव करने वाला है जिससे खेल के शेयरहोल्डरों पर काफी प्रभाव पड़ेगा। वैसे यह प्रस्ताव आईसीसी की 2016 में हुई बैठकों में रखे जा चुके थे और बीसीसीआई उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के साथ अस्तित्व की लड़ाई लड रहा था।
एक पूर्व प्रशासक ने कहा, बीसीसीआई अब यदि किसी आईसीसी टूर्नामेंट से हटता है तो ही वह इन नीतियों में बदलाव के प्रस्तावों को मंजूर होने से रोक सकता है। यदि बीसीसीआई ने जून 2017 में निर्धारित आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटने का फैसला किया तो आईसीसी इस वित्तीय झटके को सहन नहीं कर पाएगा। बीसीसीआई का यह कदम चैंपियंस ट्रॉफी के बाद होने वाली आईसीसी की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में इस बदलावों को मंजूरी देने से रोक सकता है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आईसीसी के एक प्रमुख बदलाव के अनुसार वैश्विक क्रिकेट के बिग थ्री के आमदनी के हिस्से को घटाना है। जिसे चलते 2023 तक के सत्र के दौरान बीसीसीआई को करीब 3000 करोड़ का नुकसान होने की आशंका है।
आयरलैंड और अफगानिस्तान को टेस्ट दर्जा दिए जाने की उम्मीद है। जिसके चलते टेस्ट क्रिकेट के ढांचे में बदलाव होगा, यह टू-टियर तो नहीं होगा बल्कि बेसबॉल के एमएलबी (अमेरिका) जैसा होगा।