दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने अपने सदस्य बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मेहमान टीमों को तैयारी के लिए खेलने के हालात घरेलू टीम के समान मिले जिसमें नेट गेंदबाजों और ट्रेनिंग पिचों पर जोर दिया गया।
डबलिन में कई समाप्त हुई वार्षिक कांफ्रेंस में आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने फैसला किया कि टीमों को मेजबान बोर्ड द्वारा सभी संसाधन मुहैया कराए जाने चाहिए जिससे कि मेहमान टीम की सर्वश्रेष्ठ संभव तैयारी सुनिश्चित हो सके।
आईसीसी ने कहा कि मेहमान टीम को आगामी अंतरराष्ट्रीय मैचों की तैयारी उन हालात में करने का मौका मिलना चाहिए जिनका सामना उन्हें श्रृंखला के दौरान करना पड़ेगा, इसमें नेट गेंदबाजों का समान स्तर और विविधता तथा ट्रेनिंग पिचें शामिल हैं। टीमों को समाजिक रूप से घुलने-मिलने का मौका भी मुहैया कराया जाना चाहिए।
मेहमान टीमों को आम तौर पर ऐसे हालात में अभ्यास मैच खेलने का मौका मिलता है जो श्रृंखला के दौरान के हालात से बिलकुल विपरीत होते हैं। वार्षिक कांफ्रेंस में किए गए अन्य फैसलों में सीईसी ने 2019 विश्व कप के बाद शुरू हो रही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में खेलने के हालात और अंक के ढांचे को भी स्वीकृति दी।
आईसीसी ने साथ ही बयान में पुष्टि की कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के सभी मैच पांच दिन के होंगे लेकिन सदस्य बोर्ड चार दिवसीय टेस्ट खेलना जारी रख सकते हैं।
डब्ल्यूटीपी की प्रत्येक श्रृंखला में अधिकतम 120 अंक दांव पर होंगे और अंक श्रृंखला की जगह मैचों के लिए दिए जाएंगे जिससे टीमों को अतिरिक्त प्रयास करने की प्रेरणा मिलेगी। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सभी टीमों को दो साल के समय के दौरान समान टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिलेगा।
संचालन संस्था ने साथी ही पिछले महीने हुए महिला एशिया कप के मैचों को टी-20 अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने का फैसला किया। हाल में फैसला किया गया था कि एक जुलाई 2018 के बाद सदस्य बोर्ड के बीच खेले जाने वाले सभी महिला टी-20 मैचों को अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिलेगा जिसके बाद सहमति बनी कि हाल में संपन्न महिला टी-20 एशिया कप के मैचों को भी अंतरराष्ट्रीय टी-20 का दर्जा मिलेगा।
आईसीसी विश्व टी-20 2020 की क्वालीफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक जनवरी 2019 से सभी सदस्य बोर्ड की पुरुष सीनियर टीमों को टी-20 अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया जाएगा। (भाषा)