नई दिल्ली: भारत की दो बार की विश्व चैंपियन टीम का हिस्सा रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि अगर चयनकर्ता विराट कोहली, रोहित शर्मा और लोकेश राहुल जैसे सीनियर खिलाड़ियों से आगे देखने में विश्वास करते हैं तो ऐसा ही हो।
टी20 विश्व कप 2007 और विश्व कप 2011 में भारत की खिताबी जीत में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोरर रहे गंभीर टीम के व्यक्तिगत खिलाड़ियों और टीम में उनकी जगह पर भी अधिक स्पष्टता चाहते हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि तीन जनवरी से श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रही सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए ऋषभ पंत के साथ इन तीनों को आराम दिया गया है या बाहर किया गया है।
गंभीर ने गुरुवार को ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, स्पष्टता होनी चाहिए। चयनकर्ताओं और इन खिलाड़ियों के बीच अच्छा संवाद होना चाहिए। अगर चयनकर्ताओं ने इन लोगों से आगे देखने का फैसला किया है तो ठीक है। मुझे लगता है कि बहुत सारे देशों ने ऐसा किया है।गंभीर को सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करने को लेकर हंगामा समझ में नहीं आता।
उन्होंने कहा, जब चयनकर्ता और प्रबंधन कुछ खिलाड़ियों से आगे देखते हैं तो हम बहुत हंगामा करते हैं। आखिरकार यह व्यक्तिगत खिलाड़ियों के बारे में नहीं है लेकिन यह इस बारे में है कि आप अगले (टी20) विश्व कप (2024 में) के लिए अपनी योजनाओं को लेकर कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं। आखिर आप वहां जाना चाहते हैं और इसे जीतना चाहते हैं। यदि ये खिलाड़ी इसे हासिल नहीं कर पाए तो क्या पता सूर्यकुमार जैसे खिलाड़ी, युवा पीढ़ी उस सपने को हासिल कर ले।
गंभीर का मानना है कि इस तिकड़ी की सबसे छोटे प्रारूप में वापसी फिलहाल मुश्किल नजर आ रही है।गंभीर ने कहा, निजी तौर पर अगर आप मुझसे पूछें तो यह मुश्किल लगता है। सूर्यकुमार यादव, इशान किशन जैसे लोगों को टीम में होना चाहिए। हार्दिक पंड्या वहां हैं। मैं पृथ्वी साव, राहुल त्रिपाठी और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों को टीम में देखना चाहता हूं। वे निडर क्रिकेट खेल सकते हैं।
गंभीर ने आक्रामकता का हवाला देने वाले राहुल द्रविड़ की अगुआई वाले मौजूदा टीम प्रबंधन पर भी निशाना साधा।उन्होंने कहा, हमने पिछले (टी 20) विश्व कप के बारे में बहुत कुछ कहा है कि हम एक निश्चित खाके पर खेलना चाहते हैं, हम आक्रामक क्रिकेट खेलना चाहते हैं लेकिन जब महत्वपूर्ण मुकाबले (इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफइनल) की बात आती है तो यह खाका हवा हो जाता है।
जनवरी के पहले सप्ताह में स्ट्रेंथ और अनुकूलन कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में जाने वाले ऋषभ पंत के बारे में गंभीर का मानना है कि उन्हें सीमित ओवरों के क्रिकेट से हटा दिया गया है।
गंभीर ने कहा, सबसे पहले तो चयनकर्ताओं को यह स्पष्ट होना चाहिए कि उन्हें आराम दिया गया है या बाहर किया गया है। मेरे अनुसार उसे सफेद गेंद के क्रिकेट से हटा दिया गया है। कभी भी इसे लेकर पर्याप्त स्पष्टता नहीं रही है। यह आराम नामक शब्द बहुत अच्छा है, यह तब नहीं था जब हम खेल रहे थे। या तो हमें हटा दिया जाता था या चुना जाता था।गंभीर साथ ही चाहते हैं कि युवा इशान किशन को पर्याप्त मौके मिलें।(भाषा)