विशाखापत्तनम। अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के विरोधी रहा भारत इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में पहली बार इस प्रणाली का प्रयोग के तौर पर उपयोग कर रहा है अौर दिलचस्प है कि सोमवार को संपन्न हुए दूसरे टेस्ट में ही 21 बार डीआरएस का इस्तेमाल किया गया।
भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट सोमवार को संपन्न हुआ जिसमें मेजबान टीम ने जीत दर्ज की। अकेले इस मैच में दोनों टीमों ने कुल 21 बार डीआरएस प्रणाली का उपयोग किया जिसमें 12 बार इंग्लैंड टीम ने इसका इस्तेमाल किया जबकि भारत ने नौ बार डीआरएस का इस्तेमाल किया। इससे पहले राजकोट टेस्ट में केवल नौ बार डीआरएस का इस्तेमाल हुआ था।
मैच के दौरान छह बार मैदानी अंपायर के निर्णय को बदला गया जिसमें तीन-तीन बार दोनों टीमों के लिए निर्णयों को सही किया गया। इन छह में से चार निर्णय मैदानी अंपायर रॉड टकर ने दिए थे जबकि मैदानी अंपायरों में कुमार धर्मसेना के निर्णय को दो बार पलटा गया।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने शत-प्रतिशत सटीक नहीं होने की दलील के साथ हमेशा डीआरएस का विरोध किया लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पूर्व इस तकनीक को लेकर आईसीसी की ओर से भारतीय बोर्ड को डीआरएस में सुधारों के लिए जानकारी और प्रेजेंटेशन दी गई जिसके बाद पांच टेस्टों की मौजूदा घरेलू सीरीज में इस प्रणाली के उपयोग को हरी झंडी दी गई।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने भी समय समय पर डीआरएस प्रणाली के उपयोग को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का पहला टेस्ट राजकोट में ड्रॉ रहा था जबकि विशाखापत्तनम में दूसरा टेस्ट भारत ने 246 रन से जीता। (वार्ता)