पुणे: पुणे में खेले गए भारत और इंग्लैंड के पहले वनडे में जिस खिलाड़ी ने टर्निग प्वाइंड इनिंग्स खेली वह थे क्रुणाल पांड्या। बल्लेबाजी करने पांड्या तब उतरे जब उनके भाई 1 रन बनाकर पवैलियन लौट गए थे और भारत 205 रनों पर 5 विकेट गंवा चुका था।
सामने के छोर पर केएल राहुल गेंद को टाइम नहीं कर पा रहे थे लेकिन क्रुणाल को कोई समस्या नहीं हुई। उल्टा ऐसा लग रहा था कि क्रुणाल को वनडे का खासा अनुभव है और राहुल जूनियर है। क्रुणाल ने वैसी ही पारी खेली जैसी वह आईपीएल में मुंबई इंडियन्स की ओर से खेलते हैं।
क्रुणाल ने वनडे डेब्यू का सबसे तेज अर्धशतक जड़ा और 31 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। क्रुणाल ने 26 गेंदो में 50 रन बनाए इससे पहले जे मोरिस ने साल 1990 में 37 गेंदो में अपने 50 रन पूरे किए थे। क्रुणाल ने 31 गेंदों पर नाबाद 58 रन में सात चौके और दो छक्के लगाए।
बहरहाल आज वह अपने जन्मदिन का मजा ले रहे हैं। क्रुणाल के तीसवें जन्मदिन को खास बनाने के लिए बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक अकाउंट से उनको जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।बीसीसीआई ने कैप्शन में लिखा कि क्रुणाल एक आक्रमक बल्लेबाज हैं, प्रभावी गेंदबाज हैं और बेहतरीन फील्डर हैं। टीम इंडिया के ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या को जन्मदिन की ढेरों बधाईयां।
— BCCI (@BCCI) March 24, 2021
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कल एक नहीं कई बार क्रुणाल भावुक हुए। पहले तो जब भाई हार्दिक ने क्रुणाल ने को वनडे कैप थमाई। इसके बाद जब उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया तब बल्ले को आसमान की ओर दिखा कर दिवंगत पिताजी को यह उपलब्धि समर्पित की। इस लम्हे में डग आउट में बैठे उनके भाई की आंखे भी नम हो गई।
भारतीय पारी खत्म होने के बाद क्रुणाल पांड्या इंटर्व्यू में बस इतना कह पाए, यह मेरे पिता के लिए है और रोने लगे जिससे इंटर्व्यू स्थगित हो गया। बड़ी मुश्किल से हार्दिक ने उन्हें संभाला। हालांक ब्रेक के बाद उन्होंने खुद पर काबू पाया और गेंदबाजी में अपना पहला वनडे विकेट भी पाया।
आज बीसीसीआई ने कल रात का इंटर्व्यू भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था जो स्थगित हो गया था। इसमें हार्दिक पांड्या अपने भाई क्रुणाल पांड्या से कुछ सवाल पूछते हुए नजर आए। इस इंटर्व्यू के अंश में क्रुणाल हार्दिक से कहते हुए नजर आ रहे हैं कि यह सब एक सपने के समान हैं। मैंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की है और खासकर पिछले 3 महीने तो काफी मुश्किल रहे हैं।
मैंने अपनी फिटनेस और डाइट पर काफी मेहनत की है। यह सब एक वृद्ध आदमी (पिताजी) की दुआओं के कारण संभव हो पाया है। वह जहां भी होंगे आज वह बहुत खुश होंगे और यह उनके लिए बहुत अच्छी रात होगी।