नई दिल्ली। बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना एडुल्जी ने कहा कि अगर कोच चयन में पुरुष टीम के कप्तान विराट कोहली की पसंद का ख्याल रखा जा सकता है तो सीओए प्रमुख विनोद राय को महिला टी20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की पसंद का भी ख्याल रखना चाहिए जो रमेश पोवार को टीम का कोच बरकरार रखना चाहती हैं।
विवादों के बाद पोवार के टीम से हटने के बाद महिला टीम फिलहाल बिना कोच के है। राय को लिखे पत्र में एडुल्जी ने सीओए प्रमुख और बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी पर आरोप लगाया कि पिछले साल जुलाई में नियमों को तोड़ते हुए रवि शास्त्री को पुरूष टीम का कोच बनाया गया।
एडुल्जी ने लिखा, ‘मुझे इस बात में कुछ भी गलत नहीं लगता कि महिला क्रिकेटर कोच के संबंध में ई-मेल लिख रही हैं। वे सच्चाई के साथ अपने विचारों को साझा कर रहीं हैं जबकि इसके विपरीत विराट सीईओ (जौहरी) को लगातार मैसेज भेजते थे जिस पर आपने कार्रवाई भी की और कोच को बदला गया।’
उन्होंने कहा, ‘उस समय भी मैंने अपना विरोध जताया था क्योंकि उनके (शास्त्री के) लिए अंतिम तिथि को बढ़ाया गया था। उन्होंने समय पर आवेदन नहीं किया था। अनिल कुंबले खुद एक दिग्गज हैं और उन्हें खलनायक की तरह दिखाया गया। उन्होंने विनम्रता दिखाई और आगे बढ़ गए जिसके लिए मैं उनका सम्मान करती हूं। वहां भी नियमों को ताक पर रखा गया था और मैंने विरोध किया था।’
एडुल्जी ने कहा कि कोच के मुद्दे पर हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना की मांग पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कप्तान और उपकप्तान ने अपने पसंद के कोच की मांग की है इसलिए हमें समिति (कोच चयन) पर स्थिति साफ होने तक न्यूजीलैंड दौरे के लिए उनकी मांग का सम्मान करना चाहिए। हम उसी कोच के साथ दौरे पर जा सकते हैं। टीम के दो वरिष्ठ खिलाड़ियों के विचारों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसीए) चाहती थी कि कुंबले टीम के कोच बने रहे लेकिन विराट ने उनकी बात नहीं मानी। ऐसे में महिला टीम की दोनों खिलाड़ियों के विचारों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।’
शास्त्री ने भारतीय टीम के कोच के लिए समय पर आवेदन नहीं किया था लेकिन बीसीसीआई ने इस पूर्व भारतीय खिलाड़ी के लिए अंतिम तिथि बढ़ा दी थी और अंत में उम्मीदों के मुताबिक शास्त्री भारतीय टीम के कोच बने।
बीसीसीआई ने मंगलवार को महिला टीम में पोवार का विकल्प तलाशने के लिए तदर्थ समिति का गठन किया लेकिन एडुल्जी ने कहा कि राय ने यह फैसला उनसे परामर्श किए बिना ही ले लिया। एडुल्जी के मुताबिक सचिन तेंदुल्कर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली की सीएसी को महिला टीम के कोच की खोज के लिए ज्यादा समय दिया जाना चाहिए था।
बीसीसीआई ने कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की तदर्थ समिति का गठन किया है जो महिला टीम के लिए नया कोच चुनेंगे। उम्मीद है कि बीसीसीआई नए कोच के नाम की घोषणा न्यूजीलैंड दौरे के शुरू होने से पहले करेगी। यह दौरा 24 जनवरी से शुरू होगा, जिसमें तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और इतने ही टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले जाने हैं।
कोच के आवेदन की अंतिम तिथि 14 दिसंबर है और इसके लिए अब तक मनोज प्रभाकर, हर्शल गिब्स और दिमित्रि मास्करेनहास जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने आवेदन किया है। भारतीय महिला टीम तब से विवादों में आई, जब टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल मैच में मिताली राज को टीम में जगह नहीं दी गई और भारत यह मैच हार गया।
इस पूर्व भारतीय कप्तान ने राय पर एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘मेरी गैरमौजूदगी में आप दो महिला क्रिकेटरों (हरमनप्रीत और मिताली) से मिले और जब मैंने इस बारे में पूछा तो आपने कहा कि वे आप से मिलना चाहतीं थीं। एक बार फिर आप यह समझने में नाकाम रहे कि सीओए के पद पर रहते हुए बीसीसीआई में मेरी बातों का भी आपके बराबर महत्व है।’
एडुल्जी ने ईमेल में सीईओ सहित बीसीसीआई के अधिकारियों से उनकी सहमति के बिना राय के निर्देशों पर काम नहीं करने को कहा।