Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

रवि शास्त्री ने बांधें बुमराह की तारीफों के पूल

रवि शास्त्री ने कहा बुमराह को खुद को सफेद गेंद का विशेषज्ञ कहना पसंद नहीं था

हमें फॉलो करें रवि शास्त्री ने बांधें बुमराह की तारीफों के पूल

WD Sports Desk

, शनिवार, 10 फ़रवरी 2024 (16:21 IST)
Ravi Shastri praises Jasprit Bumrah : भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री जानते (Ravi Shastri) थे कि जसप्रीत बुमराह टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए बेताब थे क्योंकि यह तेज गेंदबाज खुद को white ball specialist के तौर पर बुलाना पसंद नहीं करता था।
 
बुमराह ICC (International Cricket Council Test Rankings) टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर रहने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज हैं।
 
विशाखापत्तनम टेस्ट में जीत से भारत को श्रृंखला में 1-1 से बराबरी दिलाने वाले मुकाबले में उन्होंने 91 रन देकर नौ विकेट झटके। इससे यह 30 साल का खिलाड़ी सबसे तेज 150 टेस्ट विकेट हासिल करने वाला भारतीय बन गया।

शास्त्री ने ‘द टाइम्स’ के लिए लिखने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन को दिए एक साक्षात्कार में बुमराह के साथ अपनी बातचीत के बारे में बताया जिसमें इस तेज गेंदबाज ने उनसे कहा था कि टेस्ट खेलना उनकी जिंदगी का ‘सबसे बड़ा दिन’ होगा।
 
शास्त्री ने याद करते हुए कहा, ‘‘मुझे कोलकाता में उनसे पहली बातचीत याद है जिसमें मैंने उनसे पूछा था कि क्या उन्हें टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी है? तब उसने कहा था कि यह उसके जीवन का सबसे बड़ा दिन होगा। ’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘उससे बिना पूछे ही उसे सफेद गेंद का विशेषज्ञ करार दे दिया गया। लेकिन मैं जानता था औरदेखना चाहता था कि उसमें टेस्ट खेलने को लेकर कितनी भूख है। मैंने उससे कहा, तैयार रहो। मैंने उसे कहा कि मैं उसे दक्षिण अफ्रीका में खिलाने जा रहा हूं।’’
 
बुमराह ने जनवरी 2018 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना टेस्ट पदार्पण किया।
 
शास्त्री ने कहा, ‘‘वह टेस्ट क्रिकेट में खेलने और अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर बहुत उत्साहित है। ’’
 
पूर्व मुख्य कोच ने मुंबई इंडियंस के लिए इंडियन प्रीमियर लीग में बुमराह के शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें सिर्फ सफेद गेंद का विशेषज्ञ मानने से इनकार कर दिया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘वह विराट कोहली के साथ टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए बेताब था। वह जानता है कि कोई भी सफेद गेंद के औसत को याद नहीं रखता है। लोग सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में आपके नंबर हमेशा याद रखेंगे। ’’
 
वर्ष 2014 में राष्ट्रीय टीम निदेशक की भूमिका निभाने के बाद मुख्य कोच बने शास्त्री ने अपने कार्यकाल में व्यक्तिगत प्रतिभा के बजाय टीम प्रतिभा पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
 
शास्त्री ने कोहली को ‘बिना तराशा हीरा’ करार किया और कहा कि उन्होंने शुरुआत में ही उनमें भारतीय कप्तानी की काबिलियत देख ली थी।
 
शास्त्री ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत प्रतिभा बहुत थी लेकिन मैं टीम की प्रतिभा देखना चाहता था। मैं जीतना चाहता था और टेस्ट क्रिकेट को सर्वोपरि बनाना चाहता था और मैंने विराट कोहली को ‘बिना तराशे हीरे’ के तौर पर पहचाना। ’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे और मेरी नजर कोहली पर थी। मैंने उनसे अपने दूसरे महीने की शुरुआत में ही कहा था कि समय लगेगा लेकिन कप्तानी के लिए तैयार रहो। ’’
 
शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट के प्रति कोहली के जुनून, चुनौतियों के प्रति उनकी तत्परता और चुनौतीपूर्ण क्रिकेट खेलने की इच्छा की सराहना की।
 
उन्होंने कहा, ‘‘कोहली पूरी तरह से टेस्ट क्रिकेट में व्यस्त थे। वह जुनूनी थे। वह कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार थे और कठिन क्रिकेट खेलने के लिए तैयार थे, जो मेरे सोचने के तरीके से मेल खाता था। जब आप आस्ट्रेलिया या पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हैं तो आपके पास ऐसा कोई एक खिलाड़ी होना चाहिए जो कोई शिकायत नहीं करे, कोई बहाना नहीं बनाये। ’’  (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

IND vs AUS Final : छठा विश्व कप खिताब जीतने को तैयार Team India