दुबई: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने इस महीने होने वाले पुरूषों के टी20 विश्व कप से बैट्समैन की जगह बैटर शब्द के इस्तेमाल का फैसला करते हुए इस स्वाभाविक और लंबे समय से जरूरी कदम बताया है।
पिछले महीने मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने कहा था कि क्रिकेट के नियमों में बैट्समैन की जगह बैटर शब्द का प्रयोग किया जायेगा । अब आईसीसी की खेलने की शर्तों में हर जगह यह बदलाव नजर आयेगा।
आईसीसी ने कहा कि पिछले चार साल से कमेंट्री में बैट्समैन की जगह बैटर शब्द का इस्तेमाल नियमित तौर पर हो रहा है।
आईसीसी के सीईओ ज्यौफ अलार्डिस ने कहा कि एमसीसी के फैसले का स्वागत है । उन्होंने कहा , इस शब्द का प्रयोग हमारे चैनलों पर और कमेंट्री में लंबे समय से किया जा रहा है ।हम इसे लागू करने के एमसीसी के फैसले का स्वागत करते हैं । यह स्वाभाविक और लंबे समय से जरूरी बदलाव है।
उन्होंने कहा , सिर्फ भाषा बदलने से खेल का विकास नहीं होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिकेट खेलने वाले लड़के और लड़कियों दोनों के लिये यह रोचक अनुभव हो और बिना किसी अवरोधों के वे क्रिकेटर के तौर पर प्रगति कर सकें।
MCC ने पिछले महीने बदला था संबोधन
गौरतलब है कि मेरिलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने इस एक बड़े संबोधन को पिछले महीने बदल डाला था। बैट्समैन की जगह बैटर शब्द का उपयोग तत्काल प्रभाव से लागू हो गया था। यह शब्द बोलने के लिए कमेंटेटर को आदत में लाना होगा। यह क्रिकेट में से लैंगिक समानता बनाए रखने की एक कवायद के तौर पर देखा गया।
इस बदलाव को एमसीसी समिती ने पास कर दिया था। इससे पहल क्लब लॉ समिति ने इस पर फैसला सुनाया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया था, 'MCC को लगता है कि जेंडर न्यूट्रल शब्दावली इस्तेमाल करने से क्रिकेट के इस स्टेटस को नई ताकत मिलेगी कि वह सबके लिए है। ये बदलाव इस दिशा में पहले से ही चले आ रहे विकास क्रम का एक हिस्सा है। इसके साथ ही यह खेल के प्रति MCC की एक वैश्विक जिम्मेदारी का भी हिस्सा है।
इसके साथ ही यह नियम तत्काल प्रभाव से आ गया था और lords.org/laws पर भी प्रकाशित हो चुका था। इस शब्द को आप भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज और इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड सीरीज में कमेंटेटर द्वारा कहे जाने पर सुना जा सकता था। हालांकि इस शब्द का उपयोग पहले से ही रिपोर्टिंग और कमेंटेटिंग में किया जा रहा था।