ऑस्ट्रेलिया ने वनडे में रचा इतिहास, पहली बार सबसे बड़े लक्ष्य को हासिल करके भारत को 4 विकेट से हराया

Webdunia
रविवार, 10 मार्च 2019 (22:28 IST)
मोहाली। शिखर धवन के शतक से बना भारत का पहाड़ जैसा स्कोर पीटर हैंड्सकांब के सैकड़े और एस्टन टर्नर की तूफानी पारी के सामने बौना साबित हो गया और ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को यहां चौथा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच चार विकेट से जीतकर पांच मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर कर दी। लक्ष्य का पीछा करने के मामले में यह ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी जीत है।
 
रोहित शर्मा और धवन ने सपाट पिच पर पहले विकेट के लिए 193 रन जोड़े। धवन (115 गेंदों पर 143 रन) ने वनडे में अपना 16वां शतक लगाया लेकिन उप कप्तान रोहित (92 गेंदों पर 95 रन) अपने 23वें शतक से चूक गए। अंतिम 15 ओवरों में लगातार विकेट गंवाने के बावजूद भारत ने अच्छी शुरुआत के दम पर 9 विकेट पर 358 रन का विशाल स्कोर बनाया। 
 
लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 47.5 ओवर में छह विकेट पर 359 रन बना दिए जो उसका बाद में बल्लेबाजी करते हुए सबसे बड़ा स्कोर है। हैंड्सकांब (105 गेंदों पर 117 रन) और उस्मान ख्वाजा (99 गेंदों पर 91 रन) ने तीसरे विकेट के लिए 192 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती झटकों से उबारा लेकिन वह टर्नर थे, जिन्होंने मैच का पासा पूरी तरह से पलटा। उन्होंने 43 गेंदों पर 5 चौकों और 6 छक्कों की मदद से नाबाद 84 रन की तूफानी पारी खेली।
 
अब इन दोनों टीमों के बीच दिल्ली में 13 मार्च को होने वाला पांचवां और आखिरी मैच निर्णायक बन गया है। भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी शुरुआत की लेकिन वे उसे बरकरार नहीं रख पाए। युजवेंद्र चहल (10 ओवर में 80 रन1 विकेट) खासे महंगे साबित हुए जबकि जसप्रीत बुमराह (63 रन देकर 3 विकेट) भी बहुत प्रभाव नहीं छोड़ पाए। टर्नर ने भुवनेश्वर कुमार (67 रन देकर 1 विकेट) का गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा। 
 
भारत को विकेट के पीछे और एक रणनीतिकार के रूप में महेंद्र सिंह धोनी की बड़ी कमी खली। इसके अलावा टीम का क्षेत्ररक्षण भी स्तरीय रहा। ऑस्ट्रेलिया ने पहले 4 ओवर के अंदर कप्तान एरोन फिंच (0) और शान मार्श (6) के विकेट गंवा दिए थे। भुवनेश्वर ने इनस्विंगर को फिंच के बल्ले और पैड के बीच से निकालकर लेग स्टंप थर्राया तो बुमराह ने मार्श को बोल्ड किया। 
ख्वाजा और हैंड्सकांब ने बेहद सतर्कता भरी बल्लेबाजी की। 10 ओवर तक स्कोर 2 विकेट पर 47 रन था लेकिन इन दोनों ने सपाट विकेट और भारत के ढीले क्षेत्ररक्षण का फायदा उठाकर स्कोर बोर्ड चलायमान रखा। अगले 20 ओवर में 130 रन बने। 
 
ख्वाजा के खिलाफ पगबाधा का फैसला कुमार धर्मसेना को पलटना पड़ा। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज हालांकि लगातार दूसरा शतक नहीं लगा पाया। बुमराह की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर हवा में लहरायी जिसे कुलदीप यादव ने खूबसूरती से कैच में बदला।

कुलदीप (64 रन देकर एक) ने इसके बाद खतरनाक ग्लेन मैक्सवेल (13 गेंदों पर 23) को पगबाधा किया। हैंड्सकांब ने 92 गेंदों पर अपने करियर का पहला शतक पूरा किया। इसके बाद लंबा शाट खेलने के प्रयास में वह लांग आफ पर कैच दे बैठे। उन्होंने अपनी पारी में आठ चौके और तीन छक्के लगाए। 
इस बीच ऋषभ पंत ने हैंड्सकांब और टर्नर को स्टंप करने के मौके गंवाए। टर्नर को जीवनदान भारत को महंगा पड़ा। उन्होंने केवल 33 गेंदों पर अपना पहला अर्धशतक पूरा किया। ऑस्ट्रेलिया को आखिरी 6 ओवर में 62 रन चाहिए थे। टर्नर ने भुवनेश्वर के एक ओवर में 20 रन लेकर यह अंतर कम किया। बुमराह के अगले ओवर में 16 रन बने जबकि भुवनेश्वर के ओवर में फिर से 18 रन लुटाए
 
इससे पहले धवन और रोहित शुरू से पूरी लय में दिखे और उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को कड़ा सबक सिखाया। पैट कमिन्स (10 ओवर में 70 रन देकर पांच विकेट) और जॉय रिचर्डसन (9 ओवर में 85 रन देकर 3 विकेट) ने बाद में टीम को सफलताएं दिलाई लेकिन तब तक भारतीय सलामी जोड़ी ऑस्ट्रेलिया को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा चुकी थी। 
 
धवन ने इससे पहले सितंबर 2018 में पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में शतक जड़ा था। वह शुरू से लय में दिखे और उन्होंने 18 चौके और तीन छक्के लगाए। इससे रोहित पर से भी दबाव हटा जो शुरू में सतर्क होकर खेल रहे थे। रोहित ने सात चौके और दो छक्के लगाए। 
 
धवन अपने पसंदीदा मैदान पर असली रंग में दिखे। उन्होंने इसी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया  के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट की स्वप्निल शुरुआत की थी। उनकी अच्छी पारी से टीम प्रबंधन की चिंताएं भी कम हो गई  हैं।

धवन ने शुरू से ही कवर ड्राइव का अच्छा नजारा पेश किया और इसके बाद उन्हें रोकना मुश्किल हो गया। इस विकेट पर गेंदबाजों को गेंद आगे पिच कराने की जरूरत थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया ई गेंदबाजों ने शार्ट पिच गेंदबाजी की जिसका धवन को फायदा मिला। 
 
मैक्सवेल और एडम जंपा के नहीं चलने पर एरोन फिंच ने खुद गेंद संभाली। जंपा पर छक्का जड़ने वाले रोहित ने ऑस्ट्रेलिया ई कप्तान को भी सबक सिखाया। उन्होंने रिचर्डसन पर भी स्क्वेयर और मिडविकेट क्षेत्र में दर्शनीय शॉट लगाए लेकिन छक्के से शतक पूरा करने के प्रयास में डीप मिडविकेट पर कैच दे बैठे। 
 
धवन ने आक्रामक रवैया बनाए रखा और अपना पिछला सर्वोच्च स्कोर (137 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका, मेलबर्न, 2015) पीछे छोड़ा। उन्होंने कमिन्स पर बड़ा शाट लगाने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया। 
 
इसके बाद राहुल (31 गेंदों पर 26), ऋषभ पंत (24 गेंदों पर 36) और विजय शंकर 14 गेंदों पर 26) के प्रयासों से भारत 350 रन के पार पहुंचने में सफल रहा। बुमराह को आखिरी गेंद खेलने को मिली, जिस पर उन्होंने छक्का लगाया। 

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