साल 2020 में एडिलेड टेस्ट में जब भारत 36 रनों पर ऑलआउट हुआ था तो कप्तान विराट कोहली पितृत्व अवकाश के लिए भारत लौट गए थे। इसके बाद सबका यह मानना था कि यह दौरा भारत के लिए बहुत कठिन होने वाला है लेकिन जब दौरा खत्म हुआ तो भारत 2-1 से विजयी रहा।
इसका काफी कुछ श्रेय अजिंक्य रहाणे की कप्तानी को मिला जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर युवाओं पर विश्वास दिखाया। यह दौरा अजिंक्य रहाणे के करियर का संभवत सबसे सुनहरा मौका होगा।
हालांकि इस दौरे को याद करते हुए अजिंक्य रहाणे ने एक विवाद खड़ा कर दिया है। बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी की 2-1 की जीत पर अजिंक्य रहाणे ने कहा कि कुछ लोग इसका श्रेय लेना चाहते थे।
बोरिया मजूमदार के शो बैकस्टेज विद बोरिया शो पर रहाणे ने कहा"जब लोग कहते हैं कि मेरा करियर खत्म हो गया है तो मैं हंस देता हूं। जो लोग खेल को समझते हैं वो इस तरह की बातें नहीं करेंगे। हर कोई जानता है कि ऑस्ट्रेलिया में क्या हुआ था और उससे पहले भी, टेस्ट क्रिकेट में मेरा योगदान क्या था। जो लोग खेल को प्यार करते हैं वो समझदारी की बातें करते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इस दौरे की जीत का श्रेय लेना चाहते थे। अब उस वक्त तो कप्तान विराट कोहली टीम में थे नहीं तो फैंस को लगता है कि उनका इशारा पूर्व कोच रवि शास्त्री की ओर है।
उपकप्तानी भी गई अब टेस्ट टीम से जगह भी जाने वाली है
अजिंक्य रहाणे ने भले ही ऑस्ट्रेलियाई सरजमी पर भारत को 2-1 से सीरीज जिताई थी। लेकिन दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले बीसीसीआई ने उनसे उपकप्तानी छीन ली थी।
अजिंक्य रहाणे ने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भी 1 अर्धशतक की मदद से 22.66 की औसत से सिर्फ 136 रन बनाये। रहाणे ने दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया ख़िलाफ़ मेलबोर्न में अपना पिछला टेस्ट शतक लगाया था।
इसके बाद से रहाणे ने 27 पारियों में केवल 20.25 के औसत से 547 रन बनाए हैं, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल है और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 67 है। इस दौरान उनकी करियर औसत 43 से गिरकर 39 पर आ गई है।
अब वह रणजी की टीम में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में खेलेंगे। अगर उनका प्रदर्शन अ्च्छा रहा तब ही वह आगे जाकर भारतीय टेस्ट टीम में जगह बना पाएंगे।