Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

तेल कुओं पर मिसाइल हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

हमें फॉलो करें तेल कुओं पर मिसाइल हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
, सोमवार, 8 मार्च 2021 (16:43 IST)
बैंकॉक। सऊदी अरब में पेट्रोलियम प्रतिष्ठानों पर हमलों के बाद पहले से ही लगातार तेजी से चढ़ रहे वैश्विक कच्चा तेल बाजार में कीमतों में सोमवार को उछाल आया। इसके बाद ही यह आशंका जताई जाने लगी है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल आ सकता है। 
 
तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के मंच (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों की पिछले सप्ताह हुई बैठक में उत्पादन में कटौती को करीब करीब बनाए रखने के फैसले के बाद कच्चे तेल के बाजार में कीमतें चढ़ने का सिलसिला पहल ही तेज हो गया था। प्रमुख तेल उत्पादक सऊदी अरब के प्रतिष्ठनों पर हमले की खबर से बाजार और भड़क गया।
 
बाजार का बैरोमीटर माना जाने वाला ब्रेंट क्रूड सोमवार को 1.14 डॉलर उछलकर 70.14 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एक साल से अधिक समय बाद पहली बार ब्रेंट कच्चा तेल 70 से ऊपर गया है। शुक्रवार को इसका भाव 2.62 डॉलर तेज हुआ था। अमेरिकी क्रूड ऑइल भी 1.10 डालर उछलकर 67.19 प्रति बैरल पर पहुंच गया। शुक्रवार को इसमें 2.26 डालर का उछाल आया था और इसका भाव 66.09 पर चला गया था।
 
पिछले साल कोराना वायरस संक्रमण और सरकारों की ओर से यात्राओं पर लागू सार्वजनिक पाबंदियों के चलते कच्चा तेल टूट गया था। पर पिछले कुछ समय से इसमें तेजी लौट आई है। 
 
अमेरिका में पिछले महीने भारी ठंड और हिमपात के कारण वहां तेल उत्पादन में प्रतिदिन 40 लाख बैरल की कमी आई थी, जिससे अमेरिकी कच्चा तेल 60 डॉलर के ऊपर चला गया था। पिछले सप्ताह ओपेक गठबंधन और रूस तथा अन्य उत्पादक देशों की बैठक में दैनिक तेल उत्पादन को वर्तमान स्तर पर ही बनाए रखने से तेल के पहले से मजबूत हो रहे बाजार को और हवा मिल गई।
 
भारत जैसे प्रमुख उपभोक्ता देशों ने ओपेक से उत्पादन में दैनिक कटौती को समाप्त करने की मांग की है पर ओपेक ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया है।
 
सऊदी अरब के नेतृत्व में देशों के एक गठबंधन ने रविवार को यमन की राजधानी और कुछ अन्य प्रांतों पर हवाई हमले किए। ये हमले सऊदी अरब की तेल कंपनियों पर प्रक्षेपास्त्र और ड्रोन से किए गए हमलों के जवाब में किए गए। बताया गया है कि सऊदी अरब पर हमले ईरान की शह पर किए गए हैं।
 
सऊदी प्रेस एजेंसी ने पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि उनके खिलाफ समुद्र से छोड़े गए ड्रोन सऊदी अरब सरकार की कंपनी अरामको द्वारा परिचालित बंदरगाह रास तुनूरा पर तेल भंडार क्षेत्र पर गिरे। रिपोर्ट में अधिकारी का नाम नहीं दिया गया है। अधिकारी ने दावा किया कि हमले में सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों को कोई क्षति नहीं पहुंची।
webdunia
सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्रालय ने हमले की निंदा करते हुए हुए कहा कि यह तोड़फोड़ की कार्रवाई है जिसमें न केवल सऊदी अरब बल्कि विश्व की ईंधन आपूर्ति व्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा को निशाना बनाया गया है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से ऊर्जा की लागत बढ़ जाती है।
 
सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर कथित हमलों की रिपोर्ट के बाद सोमवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल (कच्चे तेल) के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं जबकि अमेरिकी कच्चे तेल के दाम बीते दो सालों में सबसे अधिक ऊंचाई पर पहुंचे हैं। कच्चे तेल के दामों में इतना उछाल कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार हुआ है।
 
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, शुरुआती एशियाई व्यापार के दौरान मई के लिए ब्रेंट क्रूड के दाम 71.38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचे हैं जो 8 जनवरी 2020 के बाद सबसे अधिक है। यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के तेल उद्योग केंद्र पर रविवार को कथित तौर पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

उत्तर प्रदेश : 13 साल की बलात्कार पीड़िता ने बच्चे को जन्म दिया, आरोपी गिरफ्तार