नई दिल्ली। परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने म्यूचुअल फंड को लेकर बढ़ती जागरूकता के बीच अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 51 लाख निवेशक खाते जोड़े। इससे इनकी कुल संख्या 13.46 करोड़ हो गई।
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि म्यूचुअल फंड के बारे में जागरूकता के प्रसार और डिजिटलीकरण के जरिए लेनदेन में सुगमता से चालू वित्त वर्ष में फोलियो की संख्या और बढ़ेगी। म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में 93 लाख खाते खोले गए थे, जबकि पिछले 12 महीने के दौरान 3.2 करोड़ खाते जोड़े गए हैं।
हालांकि मार्च तिमाही की तुलना में अप्रैल-जून के दौरान खातों की संख्या में बढ़ोतरी कम थी, लेकिन इसमें वृद्धि हुई। यह इस बात का संकेत है कि निवेशकों ने बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश करना जारी रखा है।
एलएक्सएमई में निवेश सलाहकार प्रिया अग्रवाल ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे भू-राजनीतिक संकट, बढ़ती मुद्रास्फीति, ब्याज दरों पर केंद्रीय बैंकों के कड़े कदम कुछ ऐसे कारण हैं, जिनके चलते फोलियो की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, जून, 2022 में 43 म्यूचुअल फंड कंपनियों के खातों की संख्या बढ़कर 13.46 करोड़ पर पहुंच गई, जबकि मार्च, 2021 में यह संख्या 12.95 करोड़ थी। इस तरह इस दौरान 51 लाख नए खाते खुले हैं।उद्योग ने मई, 2021 में 10 करोड़ खातों की संख्या का आंकड़ा पार किया था।(भाषा)