नई दिल्ली। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जन-धन खातों में जमा राशि 64,564 करोड़ रुपए की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है और इसमें से 300 करोड़ रुपए तो नोटबंदी के पहले सात महीने में ही जमा किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजनाओं में एक समझी जाने वाली प्रधानमंत्री जन-धन योजना वित्तीय समावेशन की प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य अब तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाना है।
इस योजना के तहत शून्य शेष सुविधा वाले खाते खोले जाते हैं। एक आरटीआई आवेदन पर वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। इसके अनुसार 14 जून, 2017 तक 28.9 करोड़ जनधन खाते थे। इनमें से 23.27 करोड़ खाते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जबकि 4.7 करोड़ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में और 92.7 लाख निजी बैंकों में हैं।
मंत्रालय का कहना है कि इन खातों में कुल 64,564 करोड़ रुपए जमा है। इनमें से 50,800 करोड़ रुपए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के जनधन खातों में हैं जबकि 11,683.42 करोड़ रुपए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और 2,080.62 करोड़ रुपए निजी बैंकों में हैं।
16 नवंबर, 2016 तक इस योजना के तहत 25.58 करोड करोड़ खाते खुलवाए गए थे जिनमें 64,252.15 करोड़ रुपए थे। वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी। यानी 16 नवंबर, 2016 से लेकर 14 जून, 2017 के बीच करीब 311.93 करोड़ रुपए जमा कराए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटों का चलन बंद करने की घोषणा की थी। (भाषा)