नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन का पहली जुलाई को एक साल पूरा हो रहा है। उद्योग और कर विशेषज्ञों की राय है कि इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से आगे चलकर राजस्व में सुधार होगा और अनुपालन बेहतर होगा।
उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि ऐसी आशंकाएं कि जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी और उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आएगी, अब दूर हो चुकी हैं। कीमतों में जो भी बढ़ोतरी हो रही है वह कच्चे तेल और खाद्य मूल्यों के दबाव की वजह से है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नए कर ढांचे से अगले तीन से चार साल में कर से जीडीपी अनुपात सुधरेगा। हेलो टैक्स के सह संस्थापक हिमांशु कुमार ने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र एक कर की दिशा में बड़ा कदम है। उत्पादों की कम कीमत के रूप में इसका लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित होगा। बेहतर कर अनुपालन से अगले तीन से चार साल में जीडीपी अनुपात में सुधार होगा।
हालांकि कुमार ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है ताकि अप्रत्यक्ष कर से संबंधित अनुपालन की लागत को कम किया जा सके। (भाषा)