वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर लोगों के मन में काफी सवाल हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी है कि जीएसटी कानून के तहत क्या गलत है और इसका उल्लंघन करने पर कितनी पेनल्टी लग सकती है। आइए, जानते हैं कि किस तरह जीएसटी कानून का उल्लंघन हो सकता है और कितना जुर्माना लग सकता है।
ये बातें जीएसटी कानून के उल्लंघन की श्रेणी में आएंगी....
1. बगैर बिल के माल बेचने पर या फिर गलत बिल देने पर।
2. बगैर माल बेचे बिल देने पर।
3. टैक्स इकट्ठा करके रख लिया और देय तारीख से 3 माह के भीतर नहीं भरा।
4. इस कानून के विरुद्ध टैक्स (जहां जरूरी नहीं) कलेक्ट करके रख लिया और 3 माह तक नही भरा।
5. टीडीएस नहीं काटा या कम काटा और भरा भी नहीं।
6. टीसीएस नहीं काटा या कम काटा और भरा भी नहीं।
7. बगैर माल प्राप्त किए इस लॉ के विरुद्ध आईटीसी ले लिया।
8. रिफंड फ्रॉड करके ले लिया।
9. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर ने आईटीसी डिस्ट्रीब्यूट गलत कर दिया या आईटीसी गलत ले लिया।
10. टैक्स चोरी के उद्देश्य से रिकॉर्ड में हेरफेर किया।
11. लॉ के अनुसार जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना था पर नहीं कराया।
12. रजिस्ट्रेशन के वक्त गलत जानकारी दी या गलत पेपर दिया।
13. किसी अधिकारी को उसकी ड्यूटी निभाने से रोकने पर।
14. माल का ट्रांसपोर्टेशन बगैर डॉक्यूमेंट के किया।
15. टैक्स चोरी के उद्देश्य से टर्नओवर को छिपाया।
16. बुक्स और अन्य जरूरी डाक्यूमेंट डॉक्यूमेंट नहीं रखे तो।
17. किसी अधिकारी को आवश्यक डॉक्यूमेंट नहीं दिए या किसी अधिकारी को गलत दस्तावेज देने की स्थिति में।
18. अधिकारी को लगता है कि माल जब्ती योग्य है।
19. दूसरे का रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग किया गया हो।
20. किसी भी दस्तावेज में हाथ से हेरफेर किया गया हो।
21. कोई माल जब्त किया और उसमें कोई छेड़छाड़ की गई हो।
धारा 122 (2) के अनुसार अब यदि संबंधित व्यक्ति ने गलत आईटीसी ले लिया या उसका गलत उपयोग कर लिया या गलत तरीके से रिफंड ले लिया या फिर टैक्स का भुगतान नहीं किया या कम टैक्स का भुगतान किया। इन सब मामलों में यदि यह जानबूझकर नहीं किया गया है तो 10 हजार या 10% टैक्स चोरी का पेनल्टी के रूप में लगेगा।
लेकिन, उपरोक्त मामले में फ्रॉड के उद्देश्य से, जानबूझकर किसी मुद्दे को छुपाया है तो 10 हजार या जो टैक्स लेना बाकी है, दोनों में जो भी ज्यादा हो, भरना पड़ेगा। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त 21 अपराध को करने में मदद करता है या किसी माल को ट्रांसपोर्ट कर रहा है और उसे मालूम है कि ये कानून के विरुद्ध है और माल रास्ते में पकड़ा जा सकता है या कोई समन मिला और अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ तो या इस कानून के अनुसार इनवॉइस इश्यू नहीं किया तो इन सभी केस में (पेनल्टी राशि के लिए एक्सटेंडेड शब्द का प्रयोग किया है) अर्थात 0 से 25 हजार तक की पेनल्टी लगेगी। हालांकि अधिकारी चाहे तो पेनल्टी बहुत कम या नहीं भी लगा सकता है।
छोटी गलतियां जो कि आसानी से सुधारी जा सकती हैं, ऐसे केस में पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी। अगर कोई रिटर्न नहीं भरता है तो न्यूनतम 100 या अधिकतम 5000 रुपए प्रतिदिन लेट फीस लगेगी। यदि किसी व्यक्ति ने उपरोक्त 21 उल्लंघन के लिए किसी की मदद की तो उसे भी 0 से 25 हजार रुपए तक की पेनल्टी लगेगी।
इन केसों में लग सकती है 25 हजार तक की पेनल्टी
1. यदि किसी ट्रांसपोर्टर या कोई भी व्यक्ति को जिसके पास माल का पजेशन है। पहले से मालूम है कि यह माल के संबंध में जीएसटी कानून के अनुसार दस्तावेज नहीं है या यह माल रस्ते में पकड़ाया जा सकता है।
2. यदि अधिकारी ने दस्तावेज के साथ उपस्थित होने के लिए समन (नोटिस) दिया और वह उपस्थित नहीं होता है।
3. यदि कोई व्यक्ति जीएसटी कानून के अनुसार बिल इश्यू नहीं करता है या अपनी बुक्स में इस बिल की एंट्री नहीं करता है मतलब आयकर के कई नियम जिसमें व्यक्ति को सुविधा दी है (जैसे 8% टर्नओवर पर टैक्स भरकर बुक्स नहीं रखने की सुविधा) नगण्य हो जाएंगे।