नई दिल्ली। खाना पकाने के तेल के बढ़ते दामों ने घर के बजट को बिगाड़ दिया है, लेकिन अब सरकार एक फैसले से जल्द ही इसमें राहत मिलने वाली है। सरकार ने घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में कमी लाने के उद्देश्य से कच्चे पाम तेल पर लगने वाला आयात शुल्क की मानक दर को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। अन्य पाम तेलों पर यह 37.5 प्रतिशत होगी। यह निर्णय 30 सितंबर तक जारी रहेगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम तेल पर मानक सीमा शुल्क (बीसीडी) दर संशोधित कर दस प्रतिशत किया गया है। जो बुधवार से प्रभावी होगी। कच्चे पाम तेल पर 10 प्रतिशत के मूल आयात शुल्क के साथ प्रभावी आयात शुल्क 30.25 प्रतिशत होगी, जिसमें उपकर और अन्य शुल्क शामिल होंगे। जबकि परिष्कृत पाम तेल के लिए यह बुधवार से 41.25 प्रतिशत होगा। सीबीआइसी ने कहा कि यह अधिसूचना 30 जून, 2021 से प्रभावी होगी और 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।
पाम तेल पर वर्तमान में मानक सीमा शुल्क (बीसीडी) 15 प्रतिशत है जबकि आरबीडी पाम ऑइल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम स्टीयरिन की अन्य श्रेणियों (क्रूड पाम ऑइल को छोड़कर) पर 45 प्रतिशत शुल्क लगता है।
सीबीआईसी ने ट्वीट कर कहा कि लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने कच्चे पाम तेल पर सीमा शुल्क 35.75 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत और रिफाइंड पाम तेल पर 49.5 प्रतिशत से घटाकर 41.25 प्रतिशत कर दिया है। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी आएगी।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को संतुलित करने की कोशिश की है। इससे गरीबों को तत्काल राहत मिलेगी, जबकि किसानों की रक्षा की जाएगी क्योंकि अक्टूबर में कटाई के मौसम के शुरू होने पर शुल्क फिर से बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रिफाइंड पाम तेल के आयात शुल्क में कमी का ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि रिफाइंड तेल का आयात काफी कम होता है।
उद्योग निकाय एसईए के आंकड़ों के अनुसार कच्चे पाम तेल के उच्च शिपमेंट के चलते मई 2021 में भारत का पाम तेल का आयात 48 प्रतिशत बढ़कर 7,69,602 टन हो गया। देश के कुल खाद्य तेल की खपत में पाम तेल का हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक है। भारत ने मई 2020 में 4,00,506 टन पाम ऑयल का आयात किया था। मई 2021 में देश का वनस्पति तेलों का कुल आयात 68 प्रतिशत बढ़कर 12.49 लाख टन हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 7.43 लाख टन था।
कच्चा तेल और सोने के बाद पामतेल भारत का तीसरा सबसे बड़ा आयात किया जाने वाला जिंस है। भारत खाद्य तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश है, और मलेशिया और इंडोनेशिया सहित अन्य देशों से सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन खाद्यतेल खरीदता है। सरकार ने इस माह की शुरुआत में पाम तेल सहित खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में भी 112 डॉलर प्रति टन तक कमी की थी। इससे भी घरेलू कीमतों को कम रखने में सहायक माना गया।