नई दिल्ली। सरकार ने प्याज आयात के उदारीकृत नियमों को अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है। प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने तथा इसकी खुदरा कीमतों पर अंकुश के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। प्याज के आयात के लिए सरकार ने 31 अक्टूबर को वनस्पति संगरोध आदेश (पीक्यू) 2003 के तहत ध्रुमीकरण और पौधों से संबंधित यानी फाइटोसैनिटरी प्रमाणन पर अतिरिक्त घोषणा से छूट देते हुए 15 दिसंबर तक उदार व्यवस्था के तहत आयात की अनुमति दी थी। अब इस ढील को डेढ़ महीने बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर दिया है।
कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को लेकर आम लोगों में चिंता है। इसके मद्देनजर प्याज आयात नियमों में दी गई ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया जा रहा है, हालांकि यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है। बयान में कहा गया है कि भारत में बिना ध्रुमीकरण के आयातित प्याज का धूमन आयातक को मान्यता प्राप्त प्रदाता से कराना होगा। क्वारंटाइन अधिकारी आयातित खेप की जांच करेंगे और इसके कीटनाशकमुक्त होने को लेकर संतुष्ट होने के बाद ही इसे जारी किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि शर्तों के तहत आयातकों से यह शपथ पत्र भी लिया जाएगा कि आयातित प्याज सिर्फ उपभोग के लिए है और इसका संचरण नहीं किया जाएगा। उपभोग के लिए प्याज की खेप पर पीक्यू आदेश, 2003 के तहत आयात की शर्तों का अनुपालन नहीं करने पर 4 गुना अतिरिक्त निरीक्षण शुल्क नहीं लगाया जाता है।