मुंबई। भारत में एक बार फिर सोने की मांग में तेजी का रुख बना है। कैलेंडर वर्ष 2017 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) अवधि में सोने की मांग 15 प्रतिशत बढ़कर 123.5 टन पर पहुंच गई। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने यह आंकड़ा जारी किया है।
डब्ल्यूजीसी के मुताबिक भारत में सोने की मांग बढ़ने से स्वर्ण उद्योग में उम्मीद जगी है। पिछले साल जनवरी से मार्च 2016 अवधि में देश में 107.3 टन सोने की मांग रही थी। आभूषण उद्योग में उत्पाद शुल्क लगाए जाने से पिछले साल आभूषण व्यापारियों की हड़ताल से कारोबार प्रभावित हुआ था।
डब्ल्यूजीसी की 'पहली तिमाही स्वर्ण मांग रुझान' पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2017 की पहली तिमाही में मूल्य के लिहाज से सोने की मांग 18 प्रतिशत बढ़कर 32,420 करोड़ रुपए हो गई, जो कि पिछले साल 27,540 करोड़ रुपए रही थी।
डब्ल्यूजीसी भारत प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि 2017 की पहली तिमाही में सोने की मांग 15 प्रतिशत बढ़ी है, मांग में यह वृद्धि हालांकि पिछले साल के निम्न आधार की वजह से दर्ज की गई है, पिछले साल उत्पाद शुल्क लगाए जाने से आभूषण विक्रेताओं की हड़ताल से कामकाज प्रभावित हुआ था। मांग में आई इस वृद्धि से स्वर्ण उद्योग में उम्मीद जगी है और इससे उद्योग की मजबूती के बारे में संकेत मिलता है। स्वर्ण उद्योग वर्ष 2013 से कुछ कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
देश में स्वर्णाभूषणों की कुल मांग पहली तिमाही के दौरान 16 प्रतिशत बढ़कर 92.3 टन रही। पिछले साल इसी अवधि में यह मांग 79.8 टन थी। मांग आभूषणों का कुल मूल्य 24,220 करोड़ रुपए रहा। इसमें पिछले साल के मुकाबले 18 प्रतिशत की वृद्धि रही। इस दौरान कुल निवेश मांग भी 14 प्रतिशत बढ़कर 31.2 टन रही।
वर्ष 2016 में निवेश मांग 27.5 टन की रही थी। निवेश मांग का मूल्य 16 प्रतिशत बढ़कर 8,200 करोड़ रुपए रहा। पुराने सोने का इस्तेमाल इस दौरान 3 प्रतिशत बढ़कर 14.5 टन रहा। पिछले साल यह 14 टन था। डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से मार्च 2017 तिमाही में सोने का आयात 112 प्रतिशत बढ़कर 270.1 टन रहा। 1 साल पहले इसी अवधि में यह 127.4 टन रहा था।
सोमासुंदरम ने कहा कि शादी-ब्याह के लिए सोने की मांग पहली तिमाही में काफी मजबूत रही। सोने की कुल मांग में शादी-ब्याह की मांग का 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा होता है। मौके के लिहाज से निवेशकों की मांग निकलने और फिर से सोने को स्टॉक में रखने का रुझान कुछ बढ़ा है। इससे वर्ष 2017 की पहली छमाही में अच्छी वृद्धि की उम्मीद है।
देश में इस साल भी मानसून सामान्य रहने का अनुमान व्यक्त किए जाने से वर्ष की दूसरी छमाही में भी सोने की मांग और बेहतर रहने की उम्मीद है। बहरहाल, डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के अनुसार 2017 की पहली तिमाही में दुनियाभर में सोने की मांग 18 प्रतिशत घटकर 1,034 टन रही।
एक्सचेंज ट्रेडिड फंड (ईटीएफ) में सोने की आवक कम रही, केंद्रीय बैंकों की मांग भी धीमी रही। इससे पहले 2016 की पहली तिमाही में कुल मांग 1,262 टन रही थी। इस तिमाही ईटीएफ में मात्र 109 टन स्वर्ण प्रवाह रहा, जो कि पिछले साल के 342 टन के मुकाबले काफी कम है। ईटीएफ प्रवाह मुख्यतौर पर यूरोप में केंद्रित रहा, जहां राजनीतिक उठापटक से इसका जोर रहा। (भाषा)