अमीरों की सूची में 30वें स्थान पर फिसले गौतम अडाणी, कंपनियों का मूल्यांकन 12 लाख करोड़ रुपए घटा

Webdunia
रविवार, 26 फ़रवरी 2023 (16:49 IST)
नई दिल्ली। सिर्फ एक महीने पहले गौतम अडाणी की गिनती दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स के रूप में होती थी, लेकिन अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नकारात्मक रिपोर्ट आने के बाद उनकी अगुवाई वाले समूह के शेयरों में इस कदर बिकवाली हुई कि अब वह सबसे अमीर लोगों की सूची में 30वें स्थान पर आ गए हैं।
 
बंदरगाह, हवाई अड्डा, खाद्य तेल, बिजली, सीमेंट और डेटा केंद्र जैसे तमाम क्षेत्रों में कारोबारी दखल रखने वाले अडाणी समूह के शेयरों में बीते एक महीने में भारी बिकवाली हुई है। आंकड़े बताते हैं कि अडाणी समूह की 10 कंपनियों के सम्मिलित बाजार मूल्यांकन में इस दौरान 12.06 लाख करोड़ रुपए की भारी-भरकम गिरावट आ चुकी है।
 
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी जिसमें अडाणी समूह पर शेयरों के दाम बढ़ाने में हेराफेरी और फर्जी विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा एवं आधारहीन बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया था।
 
अडाणी समूह की तरफ से दिए गए तमाम स्पष्टीकरण के बाद भी इसके शेयरों में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। सर्वाधिक नुकसान अडाणी टोटल गैस लिमिटेड को हुआ है जिसके बाजार मूल्यांकन में 80.68 प्रतिशत की बड़ी गिरावट हो चुकी है। इसी तरह अडाणी ग्रीन एनर्जी का मूल्यांकन 74.62 प्रतिशत घट गया है।
 
अडाणी ट्रांसमिशन के बाजार मूल्य में 24 जनवरी से अबतक 74.21 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं समूह की मुख्य कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का मूल्यांकन करीब 62 प्रतिशत तक गिर चुका है।
 
अडाणी पावर और अडाणी विल्मर के अलावा इसकी सीमेंट कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स एवं एसीसी के बाजार पूंजीकरण में भी इस दौरान गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही मीडिया कंपनी एनडीटीवी और अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड को भी मूल्यांकन में खासा नुकसान हुआ है।
 
अगर गौतम अडाणी की व्यक्तिगत पूंजी की बात करें तो उनका मूल्यांकन 120 अरब डॉलर से घटकर 40 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। इस तरह उनके व्यक्तिगत मूल्यांकन में 80 अरब डॉलर यानी दो-तिहाई की गिरावट आ चुकी है।
 
अडाणी की संपत्ति में गिरावट आने के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी फिर से देश के सबसे धनी आदमी बन गए हैं। अंबानी 81.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स हैं।
 
अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष लैरी समर्स ने हाल ही में अडाणी प्रकरण की तुलना एनरॉन मामले से करते हुए कहा था कि यह भारत का एनरॉन प्रकरण बन सकता है। वर्ष 2001 में अमेरिकी कंपनी एनरॉन कॉरपोरेशन पर राजस्व बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के आरोप लगने के बाद उसके शेयरों में भारी गिरावट आई थी।
 
हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी अपनी निवेश शोध रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों के भाव चढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के आरोप लगाए हैं। उसके आरोपों के मूल में यह है कि अडाणी समूह के अधिकारियों या परिवार के सदस्यों का उन फर्मों पर किसी तरह का नियंत्रण है जो समूह की कंपनियों का स्वामित्व रखती हैं।
 
मसलन, मॉरीशस में गठित ओपल इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की अडाणी पावर में 4.69 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आरोप है कि ओपल इन्वेस्टमेंट का गठन ट्रस्टलिंक इंटरनेशनल लिमिटेड ने किया था जिसके ताल्लुक अडाणी परिवार से रहे हैं। हालांकि, अडाणी समूह ने 27 जनवरी को कहा था कि ओपल की तरफ से खरीदे जाने वाले शेयरों पर उसका कोई नियंत्रण नहीं होता है।
 
इस मामले में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने लगातार सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने अडाणी समूह के त्वरित विस्तार में नरेंद्र मोदी सरकार के सक्रिय समर्थन का हाथ होने के आरोप लगाए हैं। हालांकि, सरकार एवं भाजपा दोनों ने इन आरोपों को नकारा है।
 
गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी का नाम भी इस विवाद में जोर-शोर से उभरा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में विनोद अडाणी पर विदेशों में गठित संदिग्ध कंपनियों के साथ जुड़ाव के आरोप लगाए गए हैं। हिंडनबर्ग के मुताबिक, विनोद अडाणी मॉरीशस, साइप्रस और कई कैरेबियाई देशों में गठित उन कंपनियों का प्रबंधन करते हैं जिनका अडाणी समूह के साथ चोरी-छिपे लेन-देन है।
 
हालांकि समूह ने कहा कि विनोद अडाणी उसकी किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में अहम प्रबंधकीय पद पर नहीं हैं और न ही वह रोजमर्रा के कामकाज में कोई भूमिका निभाते हैं।
 
बीते एक महीने में अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से लाए गए 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद भी वापस लेने का फैसला काफी अहम रहा। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद शेयरों में जारी तीव्र गिरावट के बीच एफपीओ को निर्गम के अंतिम दिन पूर्ण अभिदान मिल गया था। लेकिन प्रबंधन ने संभवतः एलआईसी जैसे बड़े निवेशकों को नुकसान से बचाने के लिए इसे वापस लेने का फैसला किया।   भाषा Edited By : Sudhir Sharma 
Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में 26वीं गिरफ्तारी, शूटर्स को ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने वाला अकोला से गिरफ्‍तार

11.50 किमी BRTS हटाने को लेकर क्या कहते हैं इंदौरवासी

UP: संभल में जामा मस्जिद में कड़ी सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज संपन्न

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को बीमा कारोबार के लिए RBI से मिली मंजूरी

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

अगला लेख
More