नई दिल्ली। फिच रेटिंग ने सोमवार को कहा कि उसने भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित 9 भारतीय बैंकों के परिदृश्य को संशोधित कर स्थिर से नकारात्मक कर दिया। कोरोना वायरस महामारी के अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को देखते हुए भारत की सॉवरेन रेटिंग में किए गए बदलाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
रेटिंग एजेंसी ने भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (न्यूजीलैंड), बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और भारतीय निर्यात-आयात बैंक के परिदृश्य को संशोधित कर नकारात्मक किया है, हालांकि एजेंसी ने उनकी मौजूदा रेटिंग को बरकरार रखा है। इसके साथ ही फिच ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड की रेटिंग को भी यथावत रखा है लेकिन परिदृश्य को नकारात्मक रखा है।
रेटिंग एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा है कि उसका यह कदम 18 जून 2020 को भारत की 'बीबीबी माइनस' रेटिंग पर परिदृश्य को स्थिर से घटाकर नकारात्मक करने के बाद उठाया गया है। यह कार्रवाई भारत की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए की गई।
एजेंसी का कहना है कि भारत की सॉवरेन रेटिंग पर परिदृश्य का नकारात्मक होना सरकार की तरफ से अत्यधिक समर्थन देने की क्षमता पर बढ़ते दबाव को परिलक्षित करता है। कोविड-19 महामारी की वजह से वित्तीय क्षेत्र का बिगड़ता गणित और उसके समक्ष सीमित वित्तीय गुंजाइश को देखते हुए यह स्थिति बनी है।
एजेंसी ने कहा है कि रेटिंग की इस कार्रवाई से बैंकों की व्यवहार्यता रेटिंग (वीआर) पर प्रभाव नहीं होगा। एक्जिम बैंक की वीआर नहीं है, क्योंकि उसकी भूमिका एक नीतिगत बैंक की है। बैंक का रणनीतिक और प्रणालीगत महत्व काफी ऊंचा है जबकि स्टेट बैंक 25 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा भारतीय बैंक है। एसबीआई को संभवत: यदि जरूरत पड़ी तो असाधारण रूप से सरकार का समर्थन भी प्राप्त हो सकता है, क्योंकि पूरी प्रणाली में उसका काफी बड़ा महत्व है। (भाषा)