नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की ताजा लहर से अप्रैल-मई में आर्थिक गतिविधियां घटी हैं, लेकिन ये झटका 2020 के मुकाबले कम गंभीर होगा। साथ ही फिच ने कहा कि इसके चलते सुधार में देरी होने की आशंका है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऐसे संकेत बढ़ रहे हैं कि कोविड संक्रमण की ताजा लहर से वित्तीय संस्थानों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं और अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वित्तीय क्षेत्र की मदद के लिए अतिरिक्त उपाय कर सकता है।
फिच ने एक रिपोर्ट में कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत में महामारी की ताजा लहर से 2020 के मुकाबले आर्थिक गतिविधियों को कम नुकसान होगा, भले ही संक्रमण का प्रकोप पहले से अधिक है। फिर भी संकेतक अप्रैल-मई में गतिविधियों में कमी दर्शाते हैं जिससे सुधार में देरी हो सकती है। लगातार 4 दिन कोरोनावायरस संक्रमण के 4 लाख से अधिक नए मामले सामने आने के बाद भारत में सोमवार को 1 दिन में कोविड-19 के 3,66,161 मामले सामने आए और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2,26,62,575 हो गए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार को सुबह 8 बजे तक अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार 3,754 और लोगों की संक्रमण के कारण मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 2,46,116 हो गई। देश में उपचाराधीन मामलों की संख्या बढ़कर 37,45,237 हो गई, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.53 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 82.39 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार अब तक 1,86,71,222 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं जबकि मृत्युदर 1.09 प्रतिशत है। (भाषा)