नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को प्रत्येक ग्राहक-सत्यापन में आधार की सेवाएं लेने पर 20 रुपए और सौदों में धन के लेन-देन की पुष्टि के लिए 50 पैसे शुल्क देना होगा।
यूआईडीएआई की विज्ञप्ति के अनुसार प्रत्येक ई-केवाईसी में आधार सेवा के लिए 20 रुपए और धन के प्रत्येक लेन-देन के समय ‘हां या नहीं’ की पुष्टि के लिए 50 पैसे का शुल्क लगेगा। यह शुल्क कर सहित होगा।
भारत के राजपत्र में जारी इस अधिसूचना के अनुसार सरकारी प्रतिष्ठानों और डाकघर को इन शुल्कों से मुक्त रखा गया है।
इस बारे में एक अधिकारी ने कहा कि पहले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आधार की सुविधा के बिना एक ग्राहक के सत्यापन पर कम से कम 150 रुपए से 200 रुपए तक खर्च करना पड़ता था।
आधार के जरिए सत्यापन में कंपनियों और उनके ग्राहकों- दोनों को सुविधा रहती है। आधार सेवा के लिए इस शुल्क देने के बावजूद वे फायदे में रहेंगे।
इन शुल्कों को संबंधित बिल के 15 दिन के अंदर भुगतान करना होगा। इसके बाद शुल्क का भुगतान करने पर प्रति माह डेढ प्रतिशत की चक्रवृद्धि ब्याज दर से भुगतान करना होगा। इसके साथ ही उनके आधार सत्यापन और ई-केवाईसी सेवाओं को रोक दिया जाएगा।
यूआईडीएआई के सूत्रों ने कहा कि यह शुल्क लाइसेंस शुल्क और वित्तीय अंकुश के अतिरिक्त होंगे। सौदों गलती के कोड और उसके शुल्कों का विवरण अलग से जारी किया जाएगा।