जम्मू। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट (high alert) पर इसलिए रखा गया है, क्योंकि बताया जा रहा है कि कुछ आतंकी उस पार से कठुआ-पठानकोट से सटे बॉर्डर से घुसने में कामयाब हुए हैं, जो फिदायीन (fidayeen) हमलों को अंजाम दे सकते हैं। बीएसएफ के बाद सेनाधिकारियों ने भी ऐसी आशंका को प्रकट किया है।
अधिकारियों के बकौल, उनके निशाने पर जम्मू-पठानकोट हाईवे पर स्थित सैनिक संस्थानों के साथ ही इंटरनेशनल बॉर्डर के साथ-साथ गुजरने वाली रेल लाइन भी है। अधिकारी यह बताने में असमर्थता जाहिर करते थे कि घुसने वाले आतंकी कितनी तादाद में हैं, पर वे कहते थे कि कुछ दल एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस करने में उस समय कामयाब रहे, जब पाक सेना ने उन्हें इस ओर धकेला है। पिछले कई दिनों से एलओसी पर पाक सेना द्वारा ड्रोनों की आड़ में सुरक्षाबलों का ध्यान बंटाकर ऐसे प्रयासों को कामयाब बनाया गया है।
हालांकि जम्मू सीमा पर फिलहाल फायरिंग की कोई घटना नहीं हुई है, पर बरसात के कारण उन नदी-नालों के इलाकों से तारबंदी को पहुंचे नुकसान का लाभ आतंकियों ने उठाया है जिन्हें पाक रेंजर पिछले कई दिनों से अग्रिम ठिकानों पर ले आए थे। बीएसएफ अधिकारियों का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से ही इंटरनेशनल बॉर्डर के पार वाले पाक सैन्य ठिकानों पर नागरिकों की आवाजाही बढ़ी थी जो दरअसल आतंकी ही हैं।
अधिकारी कहते थे कि मिलने वाली सूचनाएं कहती हैं कि घुसने वाले आतंकी जम्मू में जम्मू-पठानकोट हाईवे पर सैन्य संस्थानों के अतिरिक्त इंटरनेशन बॉर्डर के साथ-साथ चलने वाली जम्मू-पठानकोट रेल लाइन को निशाना बना सकते हैं जबकि कश्मीर में भी घुसपैठ कर चुके आतंकी सैन्य संस्थानों को निशाना बनाने का इरादा लिए हुए हैं।
अधिकारी दावा करते थे कि हमलों को रोकने की खातिर हाईवे पर गश्त को बढ़ाया गया है तथा नाके स्थापित किए जा रहे हैं जबकि रेल लाइन की सुरक्षा की खातिर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जा रहा है। जानकारी के लिए अतीत में ऐसे ही दावों के बीच आतंकी कई बार हमलों को अंजाम देकर बीसियों निर्दोषों को मौत के घाट उतारने में कामयाब रहे हैं।
Edited by: Ravindra Gupta