जम्मू। 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद कश्मीर में दबी पड़ी अलगाववाद की आग को नूपुर शर्मा विवाद ने हवा दे दी है। अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आने वाले दिनों में इसे आधार बना कश्मीर में अलगाववाद तथा सांपद्रायिकता की आग को भड़काया जा सकता है।
यूं तो नूपुर शर्मा के विवाद की आग में जम्मू कश्मीर के कई जिले जल ही रहे हैं। तीन जिलों में आज चौथे दिन भी कर्फ्यू लागू था। जबकि पुंछ तथा राजौरी के अतिरिक्त रामबन में भी तनावपूर्ण माहौल को विरोध प्रदर्शन भड़काने की कोशिश में थे। कश्मीर वादी भी इससे अछूती नहीं है। न ही जम्मू।
अगर कश्मीर में आक्रोश की भावना का सीधा असी पर्यटन पर पड़ने लगा था तो जम्मू में हिन्दू संगठनों द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शनों के बाद वैष्णो देवी की यात्रा भी प्रभावित होने लगी है।
आम कश्मीरी के साथ ही जम्मूवासी आने वाले दिनों में आरंभ होने जा रही अमरनाथ यात्रा को लेकर ज्यादा चिंतित हो उठा है। दरअसल उन्हें आशंका है कि नूपुर शर्मा विवाद की आग में कहीं अमरनाथ यात्रा भी लपेटे में न आ जाए। दो सालों से यह यात्रा कोरोना के कारण रद्द की गई थी और इस पर निर्भर हजारों लोग अब इसके सुखद तरीके से संपन्न होने की दुआ कर रहे थे।
यह बात अलग है कि उनकी दुआ पर पत्थरबाजों के पत्थर काले साए की तरह मंडराने लगे थे। कश्मीर में इस विवाद के बाद कई स्थानों पर पत्थरबाजी हो चुकी है और कई महीनों से अपनी मांदों में छुपे हुए पत्थरबाज एक बार फिर परिदृश्य पर छाने की कोशिशों में जुटे गए थे।