खाओ, सोओ, गेंदबाजी करो और दोहराओ। आवेश खान ने सफलता के मंत्र को सरल बना दिया है और इससे उन्हें फायदा हो रहा है जो इस साल के आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए महत्वपूर्ण मैचों के दौरान उनके प्रदर्शन में देखा जा सकता है।
आवेश ने अधिकतर सपाट पिच पर खेले गए 15 मैचों में 16 विकेट चटकाए हैं। उन्होंने 9.81 की इकोनॉमी रेट से रन दिए हैं और डेथ ओवरों में उनके नियंत्रण ने उन्हें इस बार एक अलग गेंदबाज बना दिया है।
बुधवार को आईपीएल एलिमिनेटर में रॉयल्स की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू पर जीत के दौरान तीन विकेट चटकाने वाले आवेश ने कहा, मैंने अपने क्रिकेट को सरल बना दिया है - मुझे (अच्छी तरह से) सोना है, मुझे (अच्छी तरह से) खाना है और मुझे (अच्छी तरह से) गेंदबाजी करनी है और इसके अलावा और कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा, क्रिकेट एक सर्कल की तरह है, जितना छोटा रखेंगे, उतना ही बेहतर होगा। आप इस सर्कल को और बढ़ाएंगे तो आपको और अधिक कमियां दिखेंगी।
आवेश ने कहा, इसने मेरी जिंदगी भी बदल दी है और मेरे क्रिकेट को भी प्रभावित किया है।
कैरेबिया और अमेरिका में अगले महीने होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारत के रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल 27 वर्षीय इस खिलाड़ी ने बुधवार को खुलासा किया कि पिछले साल आईपीएल के बाद एक व्यस्त घरेलू सत्र के बाद अपनी ताकत और कमजोरियों का विश्लेषण करने से उन्हें खुद के अंदर बेहतर खिलाड़ी को खोजने में मदद मिली।
उन्होंने कहा, पिछले साल जब मैं एलएसजी (लखनऊ सुपर जाइंट्स) के लिए खेला था तब मैंने रणजी ट्रॉफी के 10 मैच खेले थे जिसमें मैंने लगभग 320 ओवर गेंदबाजी की थी। मैं जो प्रयास कर रहा था, शरीर उसके अनुसार प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था।(भाषा)