Chennai Super Kings चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाजी कोच माइक हसी ने कहा कि कप्तान Mahendra Singh Dhoni महेंद्र सिंह धोनी विकेटों के बीच दौड़कर अपने घुटने पर दबाव नहीं डालना चाहते इसलिये बल्लेबाजी क्रम में नीचे उतरकर फिनिश करना चाहते हैं। धोनी पूरे IPL आईपीएल में घुटने की चोट से जूझते रहे हैं लेकिन इसके बावजूद विकेटकीपिंग की और आठवें नंबर तक उतरकर संक्षिप्त लेकिन उपयोगी पारियां खेली।
हसी ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ प्लेऑफ मुकाबले से पहले कहा , यह स्पष्ट है कि वह आखिरी कुछ ओवर में ही उतरना चाहते हैं। उनका घुटना सौ फीसदी फिट नहीं है और वह इसी वजह से दसवें, 11वें या 12वें ओवर में नहीं उतरते हैं ताकि तेजी से दौड़ना नहीं पड़े जिससे घुटने पर दबाव पड़ेगा।उन्होंने कहा ,वह जब तक संभव हो बल्लेबाजी के लिये उतरना टालते हैं ताकि पारी के आखिर में तेज खेल सकें । उन्होंने शिवम दुबे, रविंद्र जडेजा, अजिंक्य रहाणे, अंबाती रायुडू पर काफी भरोसा जताया है।
दिल्ली के खिलाफ पिछले मैच में धोनी विकेटों के बीच दौड़ में जूझते नजर आये। वहीं केकेआर के खिलाफ चेपॉक पर हारने के बाद मैदान का चक्कर लगाते समय उनके घुटने पर आइस पैक लगा था।लेकिन कैप्टन कूल की कप्तानी का यह नतीजा रहा कि 12वीं बार टीम प्लेऑफ में अपना स्थान सुनिश्चित कर चुकी है। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने 14 मैच जीतकर 17 अंक पाए। इसमें 8 जीत और 5 हार शामिल है जबकि एक मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था।
हसी ने कहा , हमें हर मैदान पर दर्शकों का जबर्दस्त समर्थन मिला। एम एस लीजैंड है और हर रोज ऐसे माहौल में खेलने का मौका नहीं मिलता ।आईपीएल से धोनी के संन्यास के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा , वह अगले पांच साल तक और खेल सकता है। वह अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है और अपने खेल पर मेहनत करता है। उसमें छक्के मारने की क्षमता है। जब तक उसे खेल का मजा आ रहा है और वह टीम के लिये योगदान दे रहा है , उसके अगले पांच साल तक नहीं खेलने का कोई कारण नहीं है।
12वीं बार प्लेऑफ खेलेने पर धोनी ने बताया था यह सफलता का मूल मंत्र
दिल्ली कैपिटल्स को 77 रन से हराकर आईपीएल के प्लेआफ में प्रवेश करने वाली चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि सफलता का कोई नुस्खा नहीं है लेकिन उनकी टीम खिलाड़ियों पर भरोसा रखकर उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का आत्मविश्वास देती है।डेवोन कोंवे और रूतुराज गायकवाड़ के बीच पहले विकेट की शतकीय साझेदारी के दम पर चेन्नई ने तीन विकेट पर 223 रन बनाये थे। जवाब में दिल्ली की टीम नौ विकेट पर 146 रन ही बना सकी थी। चेन्नई 14 मैचों में 17 अंक लेकर प्लेआफ में पहुंच गई थी।
मैच के बाद पुरस्कार समारोह में धोनी से टीम के प्लेआफ रिकॉर्ड के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा ,इसका कोई नुस्खा नहीं है। हम सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुनकर उन्हें सर्वश्रेष्ठ मौके देते हैं। उन्हें इस तरह से इस्तेमाल करते हैं कि सफल होने की संभावना सर्वाधिक हो। इसके अलावा कमजोर पहलुओं पर उनकी मदद करते हैं। टीम के लिये जो सर्वश्रेष्ठ हो, वह करने पर कामयाबी अपने आप मिलती है।
यह पूछने पर कि वह खिलाड़ियों में क्या खूबी तलाशते हैं , उन्होंने कहा था ,ऐसे खिलाड़ी जिनके लिये टीम सबसे पहले हो। दूर से इसे जज करना मुश्किल है लेकिन हम चाहते हैं कि वे टीम माहौल में पूरी तरह ढल जायें। वे 10 प्रतिशत भी बढते हैं तो हम 50 प्रतिशत जाने को तैयार रहते हैं।उन्होंने कहा ,टीम प्रबंधन और सहयोगी स्टाफ शानदार है जो हमेशा हमें कहता है कि अपना स्वाभाविक खेल दिखाओ और कोई चिंता मत करो।
धोनी ने अपने तेज गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहा था ,डैथ (आखिरी) ओवरों में गेंदबाजी के लिये आत्मविश्वास बहुत जरूरी है । तुषार (देशपांडे) को देखो। वह डैथ ओवरों का गेंदबाज बनता जा रहा है। सबसे अहम यह है कि दबाव के क्षणों में आप कैसा प्रदर्शन करते हैं। तेज गेंदबाजों ने जिम्मेदारी लेकर प्रदर्शन किया है और पथिराना डैथ ओवरों का स्वाभाविक गेंदबाज है जिससे हमारा एक सिरदर्द कम हुआ और अब तुषार उसका बखूबी साथ दे रहा है।